द लोकतंत्र : लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की मतदान प्रक्रिया के पूर्व मध्य प्रदेश के मुरैना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी वाडरा अपने पिता राजीव गांधी को याद कर भावुक हो गयीं। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पीएम मोदी ये नहीं समझ पाएंगे कि मेरे पिता को विरासत में धन दौलत नहीं मिली, बल्कि मेरे पिता के विरासत में शहादत की भावना मिली।
मंच पर राजीव गांधी को याद कर भावुक हुईं प्रियंका
प्रियंका गांधी ने कहा, मैं समझती हूं कि शहादत का क्या मतलब होता है। मैंने अपने पिता को सुरक्षित आपके पास भेजा और आपने टुकड़ों में उन्हें लौटा दिया। 19 साल की उम्र में जब मैं अपने शहीद पिता के टुकड़े घर लाई तो मैं इस देश से बहुत गुस्सा थी। लेकिन धीरे-धीरे मुझे शहादत का मतलब समझ में आया।
प्रियंका ने कहा, मैं कैसे समझाऊं जब पीएम मोदी मंच पर खड़े होकर मेरे पिता को देशद्रोही बोलते हैं। जब पीएम मोदी ने मंच पर खड़े होकर मेरे पिता पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि अपनी मां से विरासत लेने के लिए उन्होंने कुछ कानून को बदल दिया। पीएम मोदी ये नहीं समझ पाएंगे कि मेरे पिता को विरासत में धन दौलत नहीं मिली, बल्कि मेरे पिता के विरासत में शहादत की भावना मिली।
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कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा, जब पुलवामा अटैक हुआ उसमें कुछ परिवार उत्तर प्रदेश के थे। उस समय मैं यूपी में थी और मैं उनके घर गई। उस घर के बच्चों ने मुझे कहा कि वे भी सेना में भर्ती होना चाहते हैं। पीएम मोदी इस भावना को नहीं समझ सकते। वे हमें देशद्रोही कहें, सदन से बाहर निकालें या कुछ भी करें, लेकिन हमारे दिल से इस भावना को कोई नहीं हटा सकता।
प्रियंका ने किसानों का ज़िक्र करते हुए कहा, दिल्ली बॉर्डर पर लाखों किसानों ने आंदोलन किया, लेकिन पीएम मोदी ने उनकी एक बात नहीं सुनी, जब उत्तर प्रदेश का चुनाव आया और सैकड़ों किसान शहीद हो गए, तब जाकर तीनों काले कानून वापस लिए गए। मैं किसान परिवारों से मिलने गई तो मुझे ही गिरफ्तार करवा दिया, लेकिन मंत्री और उसके बेटे को गिरफ्तार नहीं होने दिया, जिन्होंने किसानों को कुचला।