द लोकतंत्र: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बेंगलुरु में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में हाल ही में हुए चुनावों में बड़े पैमाने पर वोटिंग में गड़बड़ी हुई है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में गठबंधन जीतता दिख रहा था लेकिन 4 महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की, जो संदेहास्पद है।
राहुल गांधी का बड़ा आरोप
राहुल ने कहा कि हमने जांच की तो पाया कि एक करोड़ नए वोटर अचानक वोट डालने पहुंच गए, जो लोकसभा चुनाव में वोट नहीं डालने आए थे। उन्होंने दावा किया, “ये 1 करोड़ वोटर जादू से आए और बीजेपी को जीत दिला दी। हमें तभी से संदेह था कि दाल में कुछ काला है।”
उन्होंने कर्नाटक का उदाहरण देते हुए कहा कि गठबंधन 16 सीटों पर जीत रहा था लेकिन केवल 9 सीट मिलीं — यह भी एक सोची-समझी गड़बड़ी का हिस्सा है।
चुनाव आयोग को लेकर तीखी टिप्पणी
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “बीजेपी और इलेक्शन कमीशन लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। वोट डालना हमारा संवैधानिक अधिकार है और इस अधिकार की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने उनकी शिकायतों का कोई जवाब नहीं दिया। “हमने वोटिंग की वीडियोग्राफी की मांग की है ताकि यह सिद्ध किया जा सके कि किस तरह वोटों की चोरी हुई,” उन्होंने कहा।
25 सीटें और वेबसाइट बंद होने का दावा
राहुल ने नरेंद्र मोदी की सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री केवल 25 ऐसी सीटों की वजह से सत्ता में आए हैं जिन्हें BJP ने बहुत कम मार्जिन (35,000 वोट) से जीता। अगर हमें इलेक्ट्रॉनिक डाटा मिल जाए तो हम यह साबित कर सकते हैं कि यह जीत हेराफेरी से हुई है।”
उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग ने राजस्थान और बिहार जैसी जगहों की वेबसाइट्स भी बंद कर दी हैं, ताकि डाटा तक पहुंच न हो सके।
राहुल गांधी का यह बयान राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर रहा है। एक ओर जहां वह बीजेपी और चुनाव आयोग पर सीधे-सीधे लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगा रहे हैं, वहीं चुनाव आयोग ने उन्हें अपने आरोपों के लिए ठोस सबूत पेश करने की भी चुनौती दी है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस मुद्दे को कितनी मजबूती से आगे बढ़ाती है और चुनाव आयोग किस तरह से प्रतिक्रिया देता है।