द लोकतंत्र : केंद्र सरकार ने एक दशक से अधिक के अपने कार्यकाल में नाम परिवर्तन की एक श्रृंखला चलाई है, जो केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि भारतीय शासन की वैचारिक दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद अब देशभर के सभी राज्यों में राजभवन को आधिकारिक रूप से ‘लोकभवन’ कहा जाएगा। यह फैसला राजपथ को ‘कर्तव्य पथ’ और प्रधानमंत्री आवास को ‘लोक कल्याण मार्ग’ में बदलने के बाद आया है, जो स्पष्ट संदेश देता है कि सत्ता पद लाभ उठाने के लिए नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और सेवा का दायित्व है।
प्रमुख नाम परिवर्तन और उनका निहितार्थ
मोदी सरकार द्वारा किए गए प्रमुख नाम परिवर्तन शासन की नई सोच को प्रतिबिंबित करते हैं:
- राजपथ से कर्तव्य पथ: पुराना नाम ‘राजपथ’ राजाओं के रास्ते या शक्ति के प्रतीक को दर्शाता था। नया नाम ‘कर्तव्य पथ’ यह स्थापित करता है कि सत्ता कोई अधिकार नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और सेवा का एक अवसर है।
- रेस कोर्स रोड से लोक कल्याण मार्ग: प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास अब ‘लोक कल्याण मार्ग’ कहलाता है, जिसका सीधा अर्थ है—जनता के भले के लिए काम करने का रास्ता, जो विशेषाधिकार या प्रतिष्ठा के भाव को समाप्त करता है।
- सेंट्रल सचिवालय से कर्तव्य भवन: विशाल प्रशासनिक केंद्र, जो पहले ‘सेंट्रल सचिवालय’ कहलाता था, अब ‘कर्तव्य भवन’ कहलाएगा। यह नाम ज़ोर देता है कि सरकारी पद सम्मान नहीं, बल्कि जनता की सेवा का अटूट कर्तव्य है।
- प्रधानमंत्री कार्यालय का ‘सेवा तीर्थ’: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) वाले नए परिसर को ‘सेवा तीर्थ’ नाम दिया गया है, जिसका भाव है—सेवा और समर्पण की भावना का पवित्र केंद्र।
लोकभवन: जनता सर्वोपरि का संदेश
राजभवन का नाम बदलकर ‘लोकभवन’ करना एक प्रतीकात्मक बड़ा कदम है।
- मूल भावना: राजभवन, जो औपनिवेशिक विरासत और सत्ता के केंद्र को दर्शाता था, अब ‘लोकभवन’ कहलाएगा, जिसका अर्थ है—जनता का भवन। यह बदलाव दर्शाता है कि शासन की हर ईंट-पत्थर में “कर्तव्य” और “जनसेवा” का भाव जोड़ा जा रहा है।
- लोकतंत्र की दिशा: गुजरात और महाराष्ट्र के राज्यपालों ने इस बदलाव को साझा किया है, जिससे स्पष्ट होता है कि यह निर्णय राज्य और केंद्र में एक समान लागू हो रहा है। यह संकेत हमें बताता है कि भारतीय लोकतंत्र अब ताकत और आदर से ज्यादा सेवा की प्राथमिकता दे रहा है।
सरकारी संस्थाएं अब ‘सेवा’, ‘कर्तव्य’ और ‘जनता सबसे पहले’ की भाषा बोल रही हैं। ये नाम परिवर्तन एक नई शुरुआत की ओर इशारा करते हैं, जिसमें ‘पॉवर’ को नहीं बल्कि ‘जिम्मेदारी’ को महत्व मिलेगा।

