द लोकतंत्र: चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम में 4 जून को हुए भगदड़ कांड को लेकर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। अब कर्नाटक सरकार ने इस मामले में आरसीबी, केएससीए, डीएनए एंटरटेनमेंट और बेंगलुरु पुलिस पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मंजूरी दे दी है।
यह फैसला सरकार की कैबिनेट मीटिंग में लिया गया, जिसमें जस्टिस माइकल डी. कुन्हा आयोग की रिपोर्ट को औपचारिक रूप से स्वीकार किया गया। आयोग को इस घटना की जांच के लिए नियुक्त किया गया था, जिसमें रिपोर्ट ने कई सुरक्षा चूक और समन्वय की विफलताओं का खुलासा किया।
रिपोर्ट के अनुसार, चिन्नास्वामी स्टेडियम में सिर्फ 79 पुलिसकर्मी तैनात थे और स्टेडियम के बाहर कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। एम्बुलेंस और मेडिकल इमरजेंसी के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं थी, जो इस तरह के बड़े आयोजन के लिए गंभीर लापरवाही मानी जा रही है।
11 जुलाई को यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सौंपी गई थी। जांच में यह बात भी सामने आई कि आरसीबी, डीएनए एंटरटेनमेंट और केएससीए के बीच कोई ठोस समन्वय नहीं था। कार्यक्रम से पहले गेट खोलने में देरी और व्यवस्था की खराबी के कारण स्थिति बेकाबू हो गई, जिससे भगदड़ जैसी घटना घटी और सात पुलिसकर्मी घायल हुए।
रिपोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि घटना के समय वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं थे। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर शाम 4 बजे पहुंचे, जबकि पुलिस कमिश्नर को जानकारी 5:30 बजे तक नहीं दी गई।
राज्य सरकार ने गुरुवार, 17 जुलाई 2025, को इस रिपोर्ट को हाई कोर्ट में भी सौंप दिया है, जिसमें सीधा आरोप आरसीबी और आयोजकों पर लगाया गया है। यह रिपोर्ट कर्नाटक सरकार के लिए प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की दिशा तय करने में अहम मानी जा रही है।
इस घटना ने क्रिकेट जैसे खेल आयोजनों में सुरक्षा और समन्वय की अहमियत को एक बार फिर रेखांकित किया है। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस केस में आगे क्या कदम उठाते हैं।