द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : दशहरा की रौनक ने इस बार तेलंगाना में शराब कारोबार को भी नई ऊंचाई दे दी है। त्योहार से पहले महज़ तीन दिनों (28 से 30 सितंबर) में शराब की बिक्री 697.23 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल के पूरे दशहरा सीजन के मुकाबले कहीं अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ 30 सितंबर को ही 333 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई। इसकी वजह थी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती का ‘ड्राई डे’ पड़ना। दुकानदारों ने पहले से ही स्टॉक उठाकर तैयारियां कर ली थीं और ग्राहकों ने भी त्योहार और ड्राई डे दोनों को ध्यान में रखते हुए जमकर खरीदारी की।
पिछले साल की तुलना करें तो यह उछाल चौंकाने वाला है। 2024 में पूरे आठ दिनों के दशहरा सीजन में 852.38 करोड़ रुपये की शराब बिकी थी, जबकि इस बार केवल तीन दिनों में ही उसका 82% आंकड़ा छू लिया गया।
त्योहार और पार्टियों का असर
आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस उछाल के पीछे दशहरा पार्टियां, परिवारिक समारोह और देर रात के उत्सव प्रमुख वजह रहे। दुकानदार भी मानते हैं कि त्योहार की खुशियां लोगों को स्टॉक करने के लिए मजबूर करती हैं, ताकि ड्राई डे का असर जश्न पर न पड़े।
तेलंगाना सरकार को शराब बिक्री से बड़ी आमदनी होती है। 2014 में जहां यह राजस्व करीब 10,000 करोड़ रुपये था, वहीं 2024-25 में इसके 34,600 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे मौकों पर शराब बिक्री का ग्राफ अचानक ऊपर चला जाता है और राजस्व का नया रिकॉर्ड बन जाता है।
चिंता भी उतनी ही ज़रूरी
हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि लगातार बढ़ती शराब खपत से सार्वजनिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। उनका कहना है कि त्योहार की मस्ती के बीच संयम और संतुलन बनाए रखना जरूरी है, वरना लंबे समय में इसके दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं।