द लोकतंत्र : देश की राजधानी दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के समीप एक खड़ी कार में सोमवार (10 नवंबर) को हुए भीषण विस्फोट ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य को हिलाकर रख दिया है। इस दुखद घटना में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य घायल हैं। विस्फोट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्वरित प्रतिक्रिया सामने आई है, जिन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने यह भी बताया कि गृह मंत्री अमित शाह और अन्य अधिकारी स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।
पृष्ठभूमि: विस्फोट और शुरुआती जांच
यह विस्फोट लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास उस वक्त हुआ, जब एक कार वहाँ खड़ी थी। विस्फोट इतना जोरदार था कि इसकी आवाज पूरे इलाके में गूंज उठी और स्थानीय लोग दहशत में आ गए। दिल्ली पुलिस की शुरुआती जांच में इसे पार्क की गई कार में हुआ ब्लास्ट बताया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे एरिया को तुरंत कॉर्डन ऑफ कर दिया है और सामान्य गाड़ियों की आवाजाही को रोक दिया गया है। विस्फोट के कारणों का पता लगाने के लिए आसपास के सभी CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
देशव्यापी High Alert और प्रशासनिक कार्रवाई
इस गंभीर घटना के तुरंत बाद, दिल्ली, मुंबई और उत्तर प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में High Alert जारी कर दिया गया है। राज्यों की पुलिस एजेंसियाँ किसी भी संभावित अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठा रही हैं।
- उत्तर प्रदेश (UP): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने राज्य के सभी प्रमुख स्थलों, धार्मिक स्थलों, बाजारों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में कड़ी निगरानी रखने के आदेश दिए हैं। UP में पेट्रोलिंग और चेकिंग बढ़ा दी गई है।
- मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी पुलिस सतर्क हो गई है। कई संवेदनशील और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पेट्रोलिंग और चेकिंग बढ़ा दी गई है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत लगाम लगाई जा सके।
विशेषज्ञों की राय: सुरक्षा मानकों की समीक्षा अनिवार्य
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि लाल किले जैसे अति-संवेदनशील और ऐतिहासिक स्थल के समीप इस तरह का विस्फोट होना, देश के सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। एक सेवानिवृत्त सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, “विस्फोट के पीछे का कारण चाहे CNG हो या कोई विस्फोटक सामग्री, लेकिन एक सुरक्षा चूक तो हुई ही है।
दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों को तुरंत सार्वजनिक स्थानों और वाहनों की निगरानी के प्रोटोकॉल की समीक्षा करनी चाहिए, खासकर जब देश में पहले से ही आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित इनपुट मौजूद हों।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि विभिन्न राज्यों में High Alert जारी करना यह दर्शाता है कि एजेंसियां घटना के तार किसी बड़ी साजिश से जुड़े होने की आशंका को गंभीरता से ले रही हैं।
लाल किले के पास हुए इस दुखद विस्फोट ने न केवल 11 परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। PM मोदी और गृह मंत्री शाह के हस्तक्षेप से यह स्पष्ट है कि सरकार इस मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। अब NIA और अन्य जांच एजेंसियों को त्वरित और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करनी होगी, ताकि घटना के पीछे की साजिश, यदि कोई है, तो उसे उजागर किया जा सके और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया जा सके।

