द लोकतंत्र : देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार (10 नवंबर) शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के समीप एक चलती कार में हुए विस्फोट के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर कड़े कदम उठाए गए हैं। इस घटना के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस ने High Alert जारी कर दिया है, और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने सुरक्षा कारणों से लाल किले को अगले 3 दिनों के लिए बंद करने का फैसला किया है। इस दौरान कोई भी पर्यटक परिसर में प्रवेश नहीं कर पाएगा।
पृष्ठभूमि और कानूनी कार्रवाई
विस्फोट की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस, फॉरेंसिक टीम (FSL), और बम निरोधक दस्ता (NSG) तुरंत मौके पर पहुँचे। पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया और जाँच शुरू कर दी।
डीसीपी नॉर्थ राजा बंथिया ने घटना की गंभीरता को दर्शाते हुए बताया कि, “गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), विस्फोटक अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है।” UAPA के तहत FIR दर्ज होना इस बात का संकेत है कि जाँच एजेंसियाँ इसे महज एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक गंभीर साजिश के रूप में देख रही हैं। डीसीपी ने यह भी बताया कि 6 शवों की पहचान हो चुकी है और LNJP अस्पताल में पोस्टमार्टम किए जा रहे हैं।
यातायात पर असर और प्रतिबंध
सुरक्षा और जाँच कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने आज (11 नवंबर) से आम लोगों की आवाजाही पर महत्वपूर्ण प्रतिबंध लगा दिए हैं:
- नेताजी सुभाष मार्ग: इस मार्ग के दोनों तरफ के रास्ते और सर्विस रोड को सुबह 6 बजे से अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है।
- प्रतिबंधित क्षेत्र: चट्टा रेल कट से लेकर सुभाष मार्ग कट तक किसी भी वाहन को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों से वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करने की सलाह दी है, जिससे उन्हें दैनिक आवागमन में दिक्कत का सामना न करना पड़े।
देशव्यापी High Alert और सुरक्षा उपाय
धमाके के तुरंत बाद दिल्ली में सभी संवेदनशील और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आईजीआई एयरपोर्ट, इंडिया गेट, संसद भवन, और सीमाई इलाकों में चेकिंग कड़ी कर दी गई है। पुलिस हर गाड़ी की जांच कर रही है और नागरिकों से किसी भी संदिग्ध वस्तु या गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील की गई है।
विशेषज्ञों की राय और जनसरोकार
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि लाल किले को बंद करने का फैसला पूरी तरह एहतियाती और आवश्यक है, ताकि NIA और NSG जैसी विशेष टीमें बिना किसी बाधा के साक्ष्य जुटा सकें। एक सुरक्षा विश्लेषक ने कहा, “UAPA के तहत मामला दर्ज होना दर्शाता है कि पुलिस अब विस्फोट के पीछे के आतंकी एंगल की गहनता से जाँच करेगी। यह घटना राजधानी की सुरक्षा के प्रति पुलिस और प्रशासन की सतर्कता को चुनौती देती है, खासकर जब फरीदाबाद में विस्फोटक बरामदगी की खबरें आई हैं।”
निष्कर्षलाल किले के पास हुए विस्फोट ने दिल्ली की सुरक्षा को एक बड़ा झटका दिया है। FIR में UAPA को शामिल करना यह संकेत देता है कि जाँच अब व्यापक और गहरी होगी। हालाँकि यातायात प्रतिबंधों से आम नागरिकों को कुछ परेशानी होगी, लेकिन देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ये उपाय अत्यंत आवश्यक हैं। सभी एजेंसियाँ साक्ष्य जुटाने में लगी हैं, और देश उम्मीद कर रहा है कि जल्द ही इस साजिश के पीछे के गुनहगारों का पर्दाफाश होगा।

