द लोकतंत्र : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 साल पूरे होने के अवसर पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संगठन की ऐतिहासिक यात्रा को राष्ट्रजीवन की धारा करार दिया। विजयादशमी के पावन अवसर पर उन्होंने संघ और देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि संघ ने बीते 100 वर्षों में सेवा, संस्कार और समर्पण की मशाल जलाए रखी है।
संघ से जुड़ा सिंधिया परिवार का रिश्ता
सिंधिया ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “विजयादशमी के इस पावन दिन पर संघ का स्थापना दिवस हमारे राष्ट्रजीवन की उस अखंड धारा का स्मरण है, जिसने 100 वर्षों से सेवा, संस्कार और समर्पण का दीप प्रज्वलित रखा है। मेरे परिवार का भी इस महान संगठन से पीढ़ियों पुराना आत्मीय संबंध रहा है। आज मैं श्रद्धा और गर्व के साथ उन सभी स्वयंसेवकों को नमन करता हूं, जिन्होंने तन-मन-धन से राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है।”
उन्होंने आगे कहा कि संघ की शताब्दी यात्रा भारत की चिरंतन चेतना और “वसुधैव कुटुम्बकम्” के संकल्प का प्रतीक है। इस अवसर पर उन्होंने सभी स्वयंसेवकों और देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।
गांधी जयंती पर श्रद्धांजलि
2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर सिंधिया ने उन्हें नमन करते हुए कहा, “स्वदेशी की अलख जगाकर ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला देने वाले हमारे पूज्य राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धा पूर्वक नमन करता हूं। बापू ने स्वदेशी आंदोलन को स्वतंत्रता संग्राम का अहम अध्याय बनाया। चरखा और खादी के माध्यम से आत्मनिर्भरता का संदेश दिया। आज उनका यह संदेश हमें प्रेरित करता है कि हम अपने गांव, किसान और कारीगरों को अपनाकर राष्ट्र को और सशक्त बनाएं।”
शास्त्री जयंती पर संदेश
सिंधिया ने इसी दिन पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी याद किया। उन्होंने कहा, “जय जवान-जय किसान’ का अमर नारा देकर देश के वीर जवानों और किसानों में नई ऊर्जा का संचार करने वाले भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर सादर नमन। उनका त्याग और राष्ट्र के प्रति समर्पण सदैव प्रेरणा देता रहेगा।”
ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह संदेश संघ की 100वीं वर्षगांठ, गांधी जयंती और शास्त्री जयंती, तीनों ही महत्वपूर्ण अवसरों पर राष्ट्रीय एकता, आत्मनिर्भरता और सेवा भाव का प्रतीक बनकर सामने आया है।