द लोकतंत्र: बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। दरअसल, दोनों कलाकारों ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने फिलहाल कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
मामला क्या है?
यह पूरा विवाद हुंडई की एसयूवी कार अलकाजर से जुड़ा हुआ है। भरतपुर निवासी कीर्ति सिंह ने 2022 में यह कार खरीदी थी। उनका आरोप है कि कार में गंभीर तकनीकी खामियां हैं। एफआईआर में शिकायत दर्ज की गई कि ओवरटेक करते समय एक्सीलरेटर दबाने पर कार वाइब्रेट करती है, आरपीएम बढ़ जाते हैं लेकिन स्पीड नहीं बढ़ती।
खरीदार की तरफ से डीलर से कार का रिफंड मांगा गया, लेकिन जब डीलर ने इनकार कर दिया तो मामला अदालत तक पहुंच गया। आखिरकार 25 अगस्त 2025 को भरतपुर के मथुरागेट थाने में एफआईआर दर्ज हुई।
क्यों शामिल किए गए शाहरुख और दीपिका?
इस एफआईआर में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण का नाम भी शामिल किया गया, क्योंकि दोनों हुंडई कंपनी के ब्रांड एंबेसडर हैं। साथ ही कंपनी के एमडी, सीईओ और डीलर को भी मामले में पक्षकार बनाया गया है।
हाईकोर्ट में सुनवाई
राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस सुदेश बंसल की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। शाहरुख खान की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, दीपिका पादुकोण की ओर से वरिष्ठ वकील माधव मित्रा, जबकि कंपनी और उसके अधिकारियों की ओर से भी वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने पैरवी की।
वकीलों का तर्क था कि यह मामला मूल रूप से उपभोक्ता अदालत में जाना चाहिए था। एफआईआर आईपीसी के प्रावधानों को लागू नहीं करती और न ही इसमें कोई अपराध स्पष्ट रूप से सामने आता है। साथ ही, भारत में वाईकेरियस लायबिलिटी (ब्रांड एंबेसडर पर कंपनी की गलती का ठीकरा फोड़ना) का कोई प्रावधान नहीं है।
कोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने एफआईआर की कार्रवाई पर रोक लगा दी और शिकायतकर्ता कीर्ति सिंह को नोटिस जारी किया है। अब अगली सुनवाई में यह साफ होगा कि आगे मामला किस दिशा में जाएगा।
बड़ा असर
इस फैसले से शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण को राहत जरूर मिली है, लेकिन यह मामला देश में ब्रांड एंबेसडरों की जिम्मेदारी और कानूनी दायरे पर भी एक नई बहस को जन्म दे रहा है।