द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : कांग्रेस नेता और केरल से सांसद डॉ. शशि थरूर ने कहा कि भारत का भविष्य केवल आर्थिक और तकनीकी दृष्टि से विकसित होने तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे एक स्वागत करने वाला और आतिथ्यपूर्ण राष्ट्र भी बनाना चाहिए। उन्होंने पर्यटन और आतिथ्य को “राष्ट्र की आत्मा का दर्पण” बताते हुए कहा कि ये केवल आर्थिक प्रेरक नहीं हैं, बल्कि देश की सांस्कृतिक पहचान और छवि को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का माध्यम हैं।
इमेज, इंफ्रास्ट्रक्चर और इमिग्रेशन पर विशेष जोर
डॉ. थरूर ने कहा कि हमें ‘अतुल्य भारत’ अभियान के प्रचार से आगे बढ़कर भारत की विविधताओं और अनुभवों का जश्न मनाना चाहिए। प्रत्येक अनुभव अपनी अनूठी कहानी बताता है और इस तरह से हम एक विकसित राष्ट्र के साथ-साथ ऐसा राष्ट्र बना सकते हैं जिसे दुनिया अपने अनुभवों के लिए याद रखे। उनका कहना था, आइए, हम केवल विकसित भारत का ही नहीं, बल्कि एक स्वागत करने वाला भारत का भी निर्माण करें।
उन्होंने तीन प्रमुख स्तंभों इमेज, इंफ्रास्ट्रक्चर और इमिग्रेशन पर विशेष जोर दिया और कहा कि इन्हें मजबूत करके भारत अपनी विश्वस्तरीय सांस्कृतिक संपदा और अतुल्य अनुभव को पर्यटकों तक पहुंचा सकता है। थरूर ने यह भी कहा कि भारत की धरती पर कदम रखने वाला प्रत्येक यात्री अपने अनुभव के माध्यम से देश की छवि बनाता है, और यही अतिथि-सत्कार की असली ताकत है।
भारत को विश्व मानचित्र पर बनाएँ आदर्श स्थल
यह बयान उन्होंने होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन (पश्चिमी भारत) के 75वें वर्ष और 20वें क्षेत्रीय सम्मेलन में दिया। उन्होंने उद्योग के पेशेवरों से अपील की कि वे भारत को न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि आतिथ्य और संस्कृति के मामले में भी विश्व के मानचित्र पर एक आदर्श स्थल बनाएं।
डॉ. थरूर का मानना है कि भारत की छवि, बुनियादी ढांचा और इमिग्रेशन सिस्टम को सशक्त बनाने से यह देश न केवल पर्यटन में अग्रणी बन सकता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एक स्वागतयोग्य और यादगार अनुभव भी सुनिश्चित कर सकता है।