द लोकतंत्र : आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में स्थित काशीबुग्गा के एक निजी वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में एकादशी के अवसर पर एक बड़ा और हृदयविदारक हादसा हो गया। कार्तिक एकादशी और शनिवार का शुभ संयोग होने के कारण मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिसके कारण मची भगदड़ में करीब 9 लोगों की मौत हो गई और कई श्रद्धालु घायल हुए हैं। यह हादसा लगभग 11 बजकर 45 मिनट पर हुआ।
हादसे की खबर मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने गहरा दुख जताया है। हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
कहां हुई सुरक्षा और प्रबंधन में चूक?
इस दुखद हादसे के पीछे कुछ गंभीर प्रबंधन और सुरक्षा चूक सामने आई हैं, जिसकी जांच जारी है:
निजी मंदिर: काशीबुग्गा स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर एक निजी मंदिर है। इसे काशीबुग्गा कस्बे के 80 वर्षीय मुकुंद पांडा ने अपने खेत में तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर की तर्ज पर बनवाया है। इसे यहां के लोग “छोटे तिरुपति” के नाम से भी पुकारते हैं।
अनुमति का अभाव: मंदिर प्रबंधन समिति ने भारी भीड़ जुटने की अनुमति सरकारी विभाग से नहीं ली थी और न ही प्रशासन को सूचित किया गया था।
अधूरा निर्माण: मंदिर को खुले हुए अभी केवल चार महीने ही हुए हैं और निर्माण कार्य भी पूरा नहीं हुआ है।
सिंगल मार्ग: श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश और निकास का अभी एक ही मार्ग है, जिससे भीड़ को नियंत्रित करना असंभव हो गया।
हादसे का कारण: भगदड़ मचने से मंदिर में आने-जाने के लिए लगाई गई स्टील की रेलिंग टूट गई, और लोग एक साथ अंदर घुस गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई और स्थिति भयावह हो गई।
भगदड़ में कुल 9 लोगों की मौत हुई, जिनमें से सात की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया गया है।
हादसे के बाद का भयावह मंजर
भगदड़ के बाद मंदिर के अंदर का मंजर रूह कंपाने वाला था।
बेसुध पड़े लोग: मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया। मंदिर के अंदर के वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग इधर-उधर बेसुध पड़े हुए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं जो एकादशी पर पूजा के लिए मंदिर में पहुंची थीं।
राहत कार्य: कुछ श्रद्धालु सीपीआर देकर बेसुध पड़े लोगों को उनकी सांसें लौटाने की कोशिश करते दिख रहे थे। मौके पर भारी पुलिस फोर्स और मेडिकल टीम पहुंची। एंबुलेंस की मदद से घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।
सामान बिखरा: भगदड़ के बाद मंदिर परिसर में पूजा का सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा था।
काशीबुग्गा उप-मंडल प्रभारी डीएसपी लक्ष्मण राव ने हादसे की पुष्टि की।
पीएम, सीएम और डिप्टी सीएम ने जताया दुख
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर घटना को ‘हृदयविदारक’ बताया। उन्होंने पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और प्रशासन तथा मेडिकल विभाग के अधिकारियों को सभी पीड़ितों और घायल श्रद्धालुओं की तुरंत मदद करने का आदेश दिया है।
डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने भी इस हादसे को बेहद दुखद बताया। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे सुरक्षा की उचित और समुचित व्यवस्था सुनियोजित तरीके से अपनाएं, ताकि भविष्य में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को ऐसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
जिला प्रशासन को तत्काल राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। यह हादसा धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की कमी को उजागर करता है।

