Advertisement Carousel
National

EVM विवाद पर सुप्रिया सुले का बड़ा बयान: ‘इन्हीं मशीनों से चार बार जीती हूं, इसलिए सवाल नहीं उठाऊंगी’

Supriya Sule makes a big statement on the EVM controversy: "I have won four times using these same machines, so I will not question them."

द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : महाराष्ट्र की बारामती सीट से चार बार सांसद और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर एक अहम और संतुलित बयान दिया है। लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चल रही बहस के दौरान सुप्रिया सुले ने साफ कहा कि वह ईवीएम या वीवीपैट पर सवाल नहीं उठाएंगी, क्योंकि इन्हीं मशीनों के जरिए वह खुद चार बार सांसद चुनी गई हैं। उनके इस बयान को विपक्षी राजनीति में एक अलग और व्यावहारिक दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है।

सुप्रिया सुले एनसीपी (शरद पवार गुट) की वरिष्ठ नेता हैं और उनकी पार्टी विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) का हिस्सा है, जिसमें कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) भी शामिल हैं। ऐसे समय में जब विपक्षी दलों का बड़ा वर्ग लगातार ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है, सुप्रिया सुले का यह बयान राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मैं इसी मशीन से चुनकर आई हूं

लोकसभा में अपनी बात रखते हुए सुप्रिया सुले ने कहा, मैं इसी मशीन से चुनकर आई हूं, इसलिए मैं ईवीएम या वीवीपैट पर सवाल नहीं उठाऊंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी भी तरह से मशीन के खिलाफ नहीं बोल रही हैं, बल्कि वह केवल चुनाव सुधारों के संदर्भ में कुछ सीमित सुझाव रखना चाहती हैं।

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का नाम लेते हुए कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी को बड़ा जनादेश मिला है और ऐसे में उनसे यह अपेक्षा है कि वह चुनाव सुधारों को लेकर जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़े। सुले के इस बयान को यह संकेत माना जा रहा है कि वह लोकतांत्रिक संस्थाओं पर अविश्वास फैलाने के बजाय सुधारों की बात पर जोर दे रही हैं।

सुप्रिया सुले का सियासी सफर

सुप्रिया सुले का राजनीतिक सफर लंबा और प्रभावशाली रहा है। वह पहली बार 2006 में राज्यसभा सांसद बनीं। इसके बाद उन्होंने 2009 में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद के निचले सदन में प्रवेश किया। इसके बाद उन्होंने 2014, 2019 और 2024 में लगातार बारामती लोकसभा सीट से जीत दर्ज की।

2024 का लोकसभा चुनाव उनके लिए खासा चुनौतीपूर्ण रहा, क्योंकि इस चुनाव में उनका मुकाबला अपने ही परिवार से था। उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को हराकर न सिर्फ सीट बचाई, बल्कि यह भी साबित किया कि बारामती में उनकी व्यक्तिगत राजनीतिक पकड़ अब भी मजबूत है।

EVM को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष की तकरार

देश की राजनीति में ईवीएम लंबे समय से विवाद का विषय रही है। विपक्षी इंडिया गठबंधन के कई नेता समय-समय पर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग करते रहे हैं। उनका आरोप है कि ईवीएम को सत्तारूढ़ दल के पक्ष में “हैक” किया जा सकता है।

वहीं सत्तापक्ष लगातार यह तर्क देता रहा है कि जहां विपक्ष जीतता है, वहां ईवीएम सही होती है और जहां हारता है, वहां वही मशीन पर सवाल खड़े किए जाते हैं। बीजेपी का कहना है कि जनता का फैसला स्वीकार करने के बजाय विपक्ष हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ देता है।

ऐसे माहौल में सुप्रिया सुले का बयान एक अलग ही रुख दिखाता है। वह न तो खुलकर ईवीएम का बचाव कर रही हैं और न ही उस पर अविश्वास जता रही हैं। बल्कि वह यह कहती नजर आ रही हैं कि लोकतंत्र में सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है, लेकिन संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने से पहले आत्ममंथन जरूरी है।

Team The Loktantra

Team The Loktantra

About Author

लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

Sanjay Singh AAP
National

राज्यसभा सांसद संजय सिंह क्यों हुए निलंबित, क्या है निलंबन के नियम

द लोकतंत्र : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सोमवार को उच्च सदन (राज्यसभा) में हंगामा और
HSBC
National

HSBC की रिपोर्ट में महंगाई का संकेत, 5 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान

द लोकतंत्र : HSBC की रिपोर्ट में महंगाई के संकेत मिले हैं। एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गेहूं