द लोकतंत्र : तमिलनाडु के करूर जिले में रविवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया। अभिनेता और तमिलगा वेत्रि कझगम (TVK) प्रमुख विजय की रैली के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए विजय और उनकी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
चार घंटे की देरी बनी विवाद की वजह
पुलिस के अनुसार, रैली सुबह 9 बजे शुरू हुई थी और दोपहर तक हजारों लोग इकट्ठा हो चुके थे। विजय का संबोधन 12 बजे होना तय था, लेकिन वे शाम करीब 7 बजे पहुंचे। इस बीच भीड़ 10 हजार से बढ़कर लगभग तीन गुना हो गई। पुलिस का दावा है कि विजय ने जानबूझकर देरी की ताकि भीड़ का उत्साह बढ़े, लेकिन इसी कारण हालात बेकाबू हो गए।
बिना अनुमति रोड शो का आरोप
एफआईआर में यह भी कहा गया है कि विजय की कैंपेन बस कई जगह बिना अनुमति के रुकी। इससे यह कार्यक्रम रोड शो में बदल गया, जबकि इसकी कोई आधिकारिक इजाजत नहीं थी। पुलिस के मुताबिक, इस दौरान ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ गई और खाने-पीने की व्यवस्था न होने से भीड़ में अफरा-तफरी मच गई।
बैरिकेड और छत गिरने से बढ़ी त्रासदी
पुलिस ने बताया कि भीड़ को संभालने के लिए लगाए गए बैरिकेड TVK कार्यकर्ताओं ने खुद तोड़ दिए। कई लोग पास की टिन शेड वाली छत पर चढ़ गए। अचानक छत गिर गई और दर्जनों लोग दब गए। इसी घटना ने भगदड़ को और भयावह बना दिया।
सियासत गरमाई
इस हादसे के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। TVK ने इस घटना को सत्तारूढ़ DMK की साजिश बताया और सीबीआई जांच की मांग की है। TVK के वकील अरिवाझगन ने कहा, “हमने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया। हमारी अन्य रैलियां भी शांतिपूर्वक पूरी हुई हैं।”
DMK और CM की प्रतिक्रिया
DMK प्रवक्ता डॉ. सैयद हफीजुल्लाह ने आरोपों पर सीधे तौर पर जवाब देने से बचते हुए कहा कि “कानून अपना काम करेगा। विपक्ष को पहले अपने आचरण पर नजर डालनी चाहिए।”
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस घटना पर गहरा दुख जताया। उन्होंने लोगों से अफवाहों से दूर रहने और शांति बनाए रखने की अपील की।