द लोकतंत्र : बिहार विधानसभा चुनाव के बीच शुक्रवार को पटना एयरपोर्ट पर एक ऐसी घटना हुई, जिसने राज्य के राजनीतिक हलकों में अटकलों और अफवाहों का बाजार गर्म कर दिया। जनशक्ति जनता दल (JJP) के संस्थापक और महुआ से प्रत्याशी तेजप्रताप यादव (Tejpratap Yadav) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद व अभिनेता रवि किशन (Ravi Kishan) एयरपोर्ट से बाहर निकलते समय एक साथ दिखाई दिए और उन्हें आपस में बातचीत करते देखा गया।
यह मुलाकात इसलिए भी खास मानी जा रही है, क्योंकि तेजप्रताप अतीत में बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बड़े आलोचक रहे हैं। पत्रकारों ने तुरंत इस मुलाकात को लेकर दोनों नेताओं से सवाल किए।
‘हम दोनों भोलेनाथ के भक्त हैं’ – तेजप्रताप
तेजप्रताप यादव अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में गया जी जिले में प्रचार कर लौट रहे थे, जबकि रविकिशन ने पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिलों में बीजेपी की सभाओं को संबोधित किया था।
पत्रकारों के सवालों पर तेजप्रताप यादव ने इस मुलाकात को इत्तेफाक बताया। उन्होंने कहा, “मैं रवि किशन से पहली बार मिल रहा हूं। हम दोनों भगवान शिव के भक्त हैं, इसलिए हमारे माथे पर तिलक है, इसमें कुछ खास नहीं है।”
‘जो बेरोजगारी दूर करेगा, मैं उसके साथ’
हालांकि, जब पत्रकारों ने तेजप्रताप से सीधा सवाल किया कि क्या वह बीजेपी के साथ जा सकते हैं, तो महुआ से चुनाव लड़ रहे तेजप्रताप ने सीधे जवाब से बचते हुए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बयान दिया:
“मैं उनके साथ रहूंगा जो बेरोजगारी दूर करेगा।”
तेजप्रताप का यह बयान, जो बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्रित था, वर्तमान राजनीतिक समीकरणों में उनके संभावित भविष्य को लेकर नई अटकलें पैदा कर रहा है।
रवि किशन का ‘खुले दरवाजे’ वाला बड़ा इशारा
जब पत्रकारों ने तेजप्रताप यादव से यह पूछा कि कुछ वरिष्ठ बीजेपी नेता उनकी प्रशंसा कर रहे हैं, तो बीजेपी सांसद रवि किशन ने बीच में बात संभालते हुए इशारों-इशारों में एक बड़ी बात कह दी।
प्रशंसा पर जवाब: रवि किशन ने कहा, “उनका (तेजप्रताप) दिल ही ऐसा है जो लोगों का प्यार जीत रहा है।”
राजनीतिक समीकरण पर: उन्होंने कहा कि “कुछ भी संभव है।”
रवि किशन ने आगे बीजेपी की नीति पर रोशनी डालते हुए कहा, “बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा भोलेनाथ के उन भक्तों के लिए दरवाजे खुले रखते हैं, जो निःस्वार्थ भाव से सेवा करना चाहते हैं, न कि व्यक्तिगत स्वार्थ से राजनीति में हैं।”
रवि किशन का यह बयान कि बीजेपी के दरवाजे “हमेशा खुले” हैं, तेजप्रताप यादव के राजनीतिक भविष्य को लेकर कयासों को और हवा दे रहा है। विधानसभा चुनाव के इस अहम मोड़ पर दोनों प्रमुख नेताओं का सार्वजनिक रूप से साथ दिखना, आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में कुछ नए समीकरणों की ओर इशारा कर सकता है।

