National

आकाश आनंद को लेकर बन रहा माहौल, BSP की करारी हार के बाद उनकी वापसी की माँग तेज

The atmosphere is building up regarding Akash Anand, the demand for his return is increasing after BSP's crushing defeat

द लोकतंत्र : लोकसभा चुनाव में यूपी के नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं रहे। सिर्फ़ बीजेपी को नहीं बल्कि बहुजन समाज पार्टी को भी यूपी ने गहरी चोट दी। भाजपा को जहां यूपी में 33 सीटें वहीं बसपा को शून्य पर समेट दिया। मायावती की पार्टी बसपा अपने ख़राब मैनेजमेंट और आकाश आनंद को नेशनल को ऑर्डिनेटर के पद से हटाने के चलते न सिर्फ़ बुरी तरह पिछड़ गई बल्कि उसका मत प्रतिशत भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बसपा को 10 फीसदी वोट भी नहीं मिले। 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा को जहां 12.88 फीसदी वोट मिले थे। इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ 9.38 फीसदी वोट ही मिले।

बहुजन समाज पार्टी के लिए लोकसभा के नतीजे विधानसभा चुनाव 2022 से भी खराब रहे और इसकी वजह ख़ुद मायावती रहीं। मायावती के कई ऐसे फ़ैसले रहे जिससे उनका कोर वोटर भी उनसे नाखुश होकर बसपा से दूर चला गया। यूपी की सभी 80 सीटों में से हर जगह बसपा या तो तीसरे नंबर पर रही या चौथे नंबर पर रही। बसपा भले ही एक भी सीट जीत पाने में नाकाम रही हो लेकिन उसने बीजेपी और इंडिया अलायन्स का खूब खेदल बिगाड़ा। बसपा ने इस पूरे चुनाव में वोटकटवा की भूमिका निभाई।

आकाश आनंद को पार्टी के कॉर्डिनेटर पद से हटाना सबसे बड़ी गलती

एक तरफ़ जहां दलितों को चंद्रशेखर आज़ाद रावण जैसा तेज तर्रार और अक्रामक नेता मिल रहा था वहीं चंद्रशेखर के बरक्स बसपा आकाश आनंद के रूप में एक नयी और बड़ी लकीर खींचने में कामयाब हो रही थी। बसपा की शुरुआती रैलियों में आकाश के भाषणों ने दलितों के साथ साथ अलग अलग वर्ग के मतदाताओं को लुभाने में कामयाब हुई। आकाश ने अपनी रैलियों से बसपा को मतदाताओं के बीच चर्चा का विषय बना दिया था। तमाम सियासी पंडितों को भी आकाश आनंद ने अपनी सियासी कौशल से हैरान कर दिया था और राजनीतिक गलियारों में आकाश आनंद की एंट्री को बसपा के रिवाइवल के तौर पर देखा जाने लगा था।

भले ही मायावती ने अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया हो, भले ही उनपर बीजेपी का B टीम होने का आरोप लगा हो, भले ही आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनकी चुप्पी रही हो लेकिन तमाम नकारात्मक फ़ैक्टर्स के बीच आकाश आनंद ने ख़ुद को बसपा का सकारात्मक और ताकतवर फैक्टर साबित कर दिया था। हालाँकि आकाश आनंद सियासी फ़लक पर चमक पाते उसके पहले ही मायावती ने उन्हें अपने उत्तराधिकार और बसपा के नेशनल को ऑर्डिनेटर पद से हटा दिया। मायावती का यह फ़ैसला हर किसी के लिए हैरान करने वाला रहा। इस फ़ैसले के बाद मायावती की पार्टी की रही सही उम्मीदें भी ख़त्म हो गई और ख़ुद उनकी पार्टी के कोर वोटर का मोह भी उनसे भंग हो गया।

आकाश आनंद की वापसी की माँग तेज

लोकसभा चुनाव में बसपा की बुरी तरह शिकस्त के बाद आकाश आनंद की वापसी की मांग तेज होती जा रही है। बीते तीन दिन में सोशल मीडिया पर आकाश की वापसी की मांग वाला हैशटैग टॉप ट्रेंड करती रही। पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि बसपा को दोबारा स्थापित करने के लिए आकाश की वापसी ज़रूरी है। बसपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि पार्टी को आकाश आनंद के नेतृत्व में 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

 

Team The Loktantra

Team The Loktantra

About Author

लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like

Sanjay Singh AAP
National

राज्यसभा सांसद संजय सिंह क्यों हुए निलंबित, क्या है निलंबन के नियम

द लोकतंत्र : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सोमवार को उच्च सदन (राज्यसभा) में हंगामा और
HSBC
National

HSBC की रिपोर्ट में महंगाई का संकेत, 5 फीसदी महंगाई दर रहने का अनुमान

द लोकतंत्र : HSBC की रिपोर्ट में महंगाई के संकेत मिले हैं। एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गेहूं