द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : हर दिन जब हम सड़क पर निकलते हैं, तो एक अनजाना खतरा भी हमारे साथ चलता है- सड़क हादसों का। तेज रफ्तार, लापरवाही, खराब मौसम और नियमों की अनदेखी, ये सब मिलकर सड़कों को मौत के जाल में बदल देते हैं। World Population Review 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में कुछ ऐसे देश हैं जहाँ कार दुर्घटनाओं की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई है। यह रिपोर्ट एक चेतावनी भी है और एक अवसर भी, इससे सीख लेकर हम अपने देश और समाज को सुरक्षित बना सकते हैं।
अमेरिका टॉप पर, जापान और जर्मनी भी लिस्ट में
इस रिपोर्ट में सबसे ऊपर है संयुक्त राज्य अमेरिका, जहाँ 2024 में 1.9 मिलियन (19 लाख) से अधिक कार एक्सीडेंट हुए। इनमें 36,000 से ज्यादा मौतें और 27 लाख से ज्यादा घायल हुए। अमेरिका में प्रति मिलियन जनसंख्या पर 5,938 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। तमाम सुरक्षा अभियानों और उन्नत इंफ्रास्ट्रक्चर के बावजूद, हादसों की संख्या चिंताजनक बनी हुई है।
जापान में कुल 5.4 लाख दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 4,700 लोगों की मौत और 6 लाख लोग घायल हुए। यहां की सतर्क ड्राइविंग संस्कृति और बेहतर सड़क व्यवस्था भी इन आंकड़ों को रोकने में पूरी तरह सफल नहीं हो सकी। जर्मनी में 3 लाख से ज्यादा दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें करीब 3,000 लोगों की मौत हुई। ऑटोबान जैसी हाई-स्पीड सड़कें और अत्याधुनिक कारें होने के बावजूद, एक्सीडेंट्स की संख्या कम नहीं हो पाई।
बाकी देशों की स्थिति भी कम खतरनाक नहीं
तुर्की में 1.75 लाख दुर्घटनाएं, इटली में 1.72 लाख, और यूनाइटेड किंगडम में 1.23 लाख दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। कनाडा, स्पेन, फ्रांस और बेल्जियम भी इस लिस्ट में शामिल हैं, जहां दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में खराब मौसम, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल, नशे की हालत में गाड़ी चलाना और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन शामिल हैं।
हालांकि भारत दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजारों में से एक है और यहां सड़क हादसों में हर साल हजारों जानें जाती हैं, लेकिन यह लिस्ट केवल रिपोर्ट की गई दुर्घटनाओं पर आधारित है। भारत में दुर्घटनाओं की सही रिपोर्टिंग की कमी के कारण उसका नाम इसमें नहीं है।