द लोकतंत्र/ वाराणसी : वाराणसी के तुलसी घाट स्थित संकटमोचन मंदिर के महंत और IIT BHU के प्रोफेसर विश्वम्भर नाथ मिश्र के घर से रविवार को हुई एक करोड़ से अधिक की चोरी का पुलिस ने मंगलवार रात राजफाश करने का दावा किया है। देर रात लगभग डेढ़ बजे रामनगर के कोदोपुर इलाके में पुलिस और एसओजी टीम की कथित मुठभेड़ में तीन बदमाश गोली लगने से घायल हो गए, जबकि तीन अन्य को कॉम्बिंग के बाद गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के मुताबिक, छह बदमाश चोरी के जेवरात और नकदी का बंटवारा कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने जब घेराबंदी की, तो बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में बिहार के कैमूर निवासी विक्की तिवारी, जितेंद्र सिंह और राकेश दुबे को पैर में गोली लगी। साथ ही फरार बदमाश भगवानपुर निवासी दिलीप चौबे, फतेहपुर के अतुल शुक्ला और देवरिया निवासी शनि मद्धेशिया को भी जल्द ही दबोच लिया गया। उनके पास से चोरी के जेवरात और रुपये बरामद किए गए हैं।
11 टीमों का गठन कर बदमाशों को पकड़ने के दिये गये थे निर्देश
इस पूरे ऑपरेशन में रामनगर इंस्पेक्टर राजू सिंह, भेलूपुर थाना प्रभारी गोपाल कुशवाहा और एसओजी प्रभारी मनीष मिश्र शामिल रहे। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने मंगलवार को महंत के आवास का निरीक्षण किया और 11 टीमों का गठन कर बदमाशों को पकड़ने का निर्देश दिया था। मौके पर डीसीपी गौरव बंसवाल, एडीसीपी सरवणन टी और एसीपी डॉ. ईशान सोनी भी मौजूद रहे।
यूपी पुलिस को एक अच्छा स्क्रिप्ट राइटर और सिनेमेटोग्राफ़र हायर कर लेना चाहिए
लेकिन जितना जोर पुलिस ने इस केस को हल करने में लगाया, उससे कहीं ज़्यादा सुर्खियों में है पुलिस द्वारा जारी किया गया ‘मुठभेड़’ का वह वीडियो, जिसे देखकर लोग सोशल मीडिया पर अपनी हँसी नहीं रोक पा रहे। वीडियो में पुलिस जिस तरह से ‘कैमरा फ्रेम’ में बदमाशों को गोली लगने के बाद गिरते हुए दिखा रही है, उसे देख लोग कह रहे हैं ऐसा लग रहा है जैसे कॉमेडी वीडियो शूट हो रहा हो।
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एक यूज़र ने मौज लेते हुए लिखा कि, UP पुलिस के लोग फ़िल्में नहीं देखते क्या। पूरे वीडियो में बहुत ऑप्स है और कहीं से रिलेटेबल नहीं है। कई लोगों ने तंज कसते हुए सलाह दी है कि यूपी पुलिस को एक अच्छा स्क्रिप्ट राइटर और सिनेमेटोग्राफ़र हायर कर लेना चाहिए ताकि कम से कम यह तो लगे कि ‘सब कुछ reel नहीं, real है’।
हालांकि, पुलिस ने इस मुठभेड़ को बड़ी कामयाबी बताते हुए कहा है कि लाखों की संपत्ति बरामद कर ली गई है और सभी आरोपी जल्द न्यायिक प्रक्रिया से गुजरेंगे। मगर जनता अब सिर्फ नतीजे नहीं, प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता भी देखना चाहती है जो फिलहाल इस वायरल वीडियो के चलते संदिग्ध नज़र आ रही है।