द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : आईपीएल 2025 की ऐतिहासिक जीत के जश्न को मनाने बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम पहुंचे फैंस के बीच खुशी का माहौल देखते ही देखते मातम में बदल गया। विराट कोहली की अगुवाई वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) टीम ने जब पहली बार आईपीएल की ट्रॉफी जीती और अपने होम ग्राउंड पर उसका जश्न मनाने पहुंची, तो वहां मौजूद भीड़ को नियंत्रित करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद मुश्किल साबित हुआ। इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
आरसीबी ने पंजाब किंग्स को हराकर अपनी पहली आईपीएल ट्रॉफी जीती
3 जून को हुए फाइनल मैच में आरसीबी ने पंजाब किंग्स को हराकर अपनी पहली आईपीएल ट्रॉफी जीती थी। अगले दिन दोपहर करीब 1 बजे पूरी टीम ट्रॉफी के साथ बेंगलुरु पहुंची। पहले योजना थी कि खिलाड़ी ओपन बस में शहर का जश्न मनाते हुए स्टेडियम पहुंचेंगे, लेकिन भीड़ की आशंका के कारण पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी। फिर भी जहां-जहां से टीम की बस गुजरी, वहां भारी संख्या में प्रशंसक उमड़ पड़े। सोशल मीडिया पर विराट कोहली और अनुष्का शर्मा के कई वीडियो वायरल हुए, जिनमें हजारों लोग टीम के स्वागत में सड़कों पर नजर आ रहे थे।
बेक़ाबू भीड़ से मच गई भगदड़
शाम 5 बजे के करीब टीम चिन्नास्वामी स्टेडियम पहुंची, जहां सार्वजनिक जीत समारोह का आयोजन किया गया था। लेकिन आयोजन की खुली घोषणा और मुफ्त प्रवेश के कारण हज़ारों की भीड़ बिना किसी टिकट या पंजीकरण के स्टेडियम के बाहर जुट गई। इतनी बड़ी संख्या में आए प्रशंसकों को नियंत्रित करने के लिए कोई सख्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। इसी दौरान भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। लगभग 6 बजे इस हादसे की सूचना सामने आई, जिसमें कई लोगों के गंभीर रूप से घायल होने और 11 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई।
हैरानी की बात यह रही कि इस घटना के बावजूद स्टेडियम के भीतर जीत का जश्न देर तक चलता रहा। इस लापरवाही पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं, बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने इस दुखद हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए पीटीआई से कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह लोकप्रियता का एक नकारात्मक पहलू है। आयोजकों को इस आयोजन को अधिक संरचित और सुरक्षित तरीके से संभालना चाहिए था। इतने बड़े स्तर पर जब कोई जीत का जश्न मनाया जाता है, तो सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम ज़रूरी हैं।
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उन्होंने इस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। साथ ही उन्होंने कोलकाता का उदाहरण देते हुए कहा कि जब 2024 में केकेआर ने ट्रॉफी जीती थी, तो कोलकाता में जीत समारोह के दौरान ऐसी कोई दुर्घटना नहीं हुई।
इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारे शहर ऐसे बड़े सार्वजनिक आयोजनों के लिए तैयार हैं? क्या लोकप्रियता के नाम पर भीड़ को यूं ही बुलाना और फिर सुरक्षा में चूक करना एक माफ़ करने योग्य लापरवाही है?