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Trump Tariff Impact: ट्रंप के टैरिफ से हिला भारतीय बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट के बाद रिकवरी

द लोकतंत्र: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाए जाने की घोषणा ने भारतीय शेयर बाजार को बुरी तरह हिला दिया। गुरुवार की सुबह बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सेंसेक्स 814 अंक टूटकर 80,695 तक गिर गया और निफ्टी भी 1% फिसलकर 24,635 के स्तर तक पहुंच गया। हालांकि कुछ ही समय में बाजार ने खुद को संभालते हुए रिकवरी दिखाई, जिससे निवेशकों को राहत मिली।

भारत पर सबसे सख्त टैरिफ

ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए यह टैरिफ एशिया के अन्य देशों की तुलना में भारत पर सबसे अधिक सख्त माने जा रहे हैं। वियतनाम पर 20%, इंडोनेशिया और फिलीपींस पर 19% टैरिफ लगे हैं, जबकि भारत पर 25%। अमेरिका द्वारा रूस से संबंधों के चलते अतिरिक्त पेनल्टी का भी जिक्र किया गया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह टैरिफ ज्यादा दिन नहीं टिकेगा और अगस्त के अंत में प्रस्तावित व्यापार वार्ता में नरमी आ सकती है।

किन सेक्टरों पर दिखा असर?

इस टैरिफ का सीधा असर ऑटो पार्ट्स, फार्मा, रिफाइनरी, टेक्सटाइल, केमिकल, सोलर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर पड़ा है। हालांकि, फाइनेंस, टेक्नोलॉजी और कंज्यूमर सेक्टर पर इसका ज्यादा असर नहीं हुआ। जानकारों का मानना है कि बाजार की इस गिरावट को लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के लिए एक मौका माना जाना चाहिए।

FII ने 25,000 करोड़ निकाले, लेकिन उम्मीद बाकी

बीते आठ दिनों में विदेशी निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार से ₹25,000 करोड़ की पूंजी निकाली है। इससे बाजार पर दबाव बना है, लेकिन लॉन्ग टर्म निवेशकों का भरोसा अब भी बना हुआ है। वहीं, रुपये में गिरावट से IT सेक्टर को फायदा मिलने की उम्मीद है।

बड़ी ब्रोकरेज फर्म्स की क्या है राय?

Nomura की सोनल वर्मा का मानना है कि भारत ने टैरिफ मुद्दे पर जल्दबाजी नहीं दिखाई और वार्ता से समाधान निकल सकता है।

Geojit के वीके विजयकुमार ने कहा कि निफ्टी के 24,500 से नीचे जाने की संभावना कम है।

Emkay की माधवी अरोड़ा ने कहा कि FY26 की कमाई पर इस टैरिफ का कोई बड़ा असर नहीं होगा और यह गिरावट निवेश का मौका है।

घबराने नहीं, सतर्क रहने का समय

बाजार में गिरावट ने निवेशकों को डराया जरूर, लेकिन तेजी से रिकवरी ने उम्मीद भी दी है। ट्रंप की नीतियों से भारत को चुनौती मिली है, लेकिन बाजार ने यह दिखा दिया कि अंदरूनी आर्थिक ताकत मजबूत है। अब सभी की नजरें अगस्त के अंत में होने वाली भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर टिकी हैं।

Team The Loktantra

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