द लोकतंत्र/ जयपुर : राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार के सोमवार (15 दिसंबर) को दो वर्ष पूर्ण हो गए। संयोग से इसी दिन मुख्यमंत्री का जन्मदिन भी था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दिन की शुरुआत मंदिर दर्शन और गौशाला में गौ माता की पूजा के साथ की। इसके बाद उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों और जनकल्याणकारी योजनाओं पर विस्तार से बात की।
दो साल में सुशासन, पारदर्शिता और विकास पर रहा सरकार का फोकस
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि बीते दो वर्षों में उनकी सरकार ने सुशासन, पारदर्शिता और विकास को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत किया, भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया और जनहित से जुड़ी योजनाओं को तेजी से जमीन पर उतारा। मुख्यमंत्री के अनुसार सरकार का लक्ष्य सिर्फ योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि आम आदमी तक उनका लाभ पहुंचाना है।
सीएम शर्मा ने कहा कि प्रदेश में विकास कार्यों की गति बढ़ी है और सरकार ने हर वर्ग क्रमश किसान, युवा, महिला और गरीब को केंद्र में रखकर काम किया है। उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले समय में राजस्थान विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ईमानदारी और जवाबदेही के साथ काम कर रही है और किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि चाहे कोई कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, लूट और झूठ की राजनीति अब नहीं चलेगी। उन्होंने इसे जनता के भरोसे की सरकार बताया, जो हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।
अंत में कांग्रेस के आरोप और पलटवार
सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर जहां भाजपा ने उपलब्धियों का लेखा-जोखा पेश किया, वहीं कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए। राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के चीफ व्हिप और जयपुर विधायक रफीक खान ने कहा कि सरकार झूठे दावे कर रही है और दो साल में बताने लायक ठोस उपलब्धियां नहीं हैं।
रफीक खान ने कहा कि यदि सरकार जनता से जुड़े पांच प्रमुख मुद्दों पर भी सही रिपोर्ट पेश कर दे, तो कांग्रेस बहस के लिए तैयार है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के दो साल बदहाली में बीते हैं और उपलब्धियों के अभाव में कांग्रेस को निशाना बनाया जा रहा है।
इस तरह मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के जन्मदिन और सरकार के दो साल पूरे होने का अवसर पहले विकास और उपलब्धियों की चर्चा का मंच बना, लेकिन अंत में यह सत्ता और विपक्ष के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में तब्दील हो गया। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक आने वाले समय में राजस्थान की राजनीति में यह बहस और तेज होने की संभावना है।

