द लोकतंत्र : उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP बोर्ड) ने बोर्ड परीक्षाओं की पवित्रता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम उठाया है। बोर्ड के 100 साल के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब नकल माफिया के गठजोड़ को तोड़ने के लिए आंसर शीट का पूरा डिजाइन बदल दिया गया है। यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की 2026 की परीक्षाओं की तैयारी के तहत उत्तर पुस्तिकाओं के लेआउट, रंग और सुरक्षा प्रणाली में पूरी तरह से बदलाव किए गए हैं।
नया लेआउट: पोर्ट्रेट फॉर्मेट और सुरक्षा मुहर
यह बदलाव आंसर शीट की अदला-बदली या छेड़छाड़ की किसी भी गुंजाइश को खत्म करने के उद्देश्य से किया गया है।
- फॉर्मेट परिवर्तन: अब आंसर शीट ‘पोर्ट्रेट’ फॉर्मेट में होगी, जो पहले ‘लैंडस्केप’ फॉर्मेट में आती थी।
- सुरक्षा फीचर्स: नकल माफिया को रोकने के लिए हर पृष्ठ पर माध्यमिक शिक्षा परिषद का सुरक्षा मोनोग्राम होगा, जिससे किसी भी तरह की कॉपी या बदलाव लगभग असंभव हो जाएगा। बोर्ड सचिव भगवती सिंह के अनुसार, नया लेआउट छात्रों के लिए लेखन में किसी तरह की परेशानी नहीं पैदा करेगा।
कॉपियों की पहचान के लिए रंग योजना
गड़बड़ी की संभावना को समाप्त करने के लिए उत्तर पुस्तिकाओं को अलग-अलग रंगों में तैयार किया गया है।
| कक्षा | कॉपी का प्रकार | पृष्ठ संख्या | रंग |
| 12वीं | A कॉपी | 24 पेज | मजेंटा |
| 12वीं | B कॉपी | 12 पेज | हरा |
| 10वीं | A कॉपी | 18 पेज | भूरी |
| 10वीं | B कॉपी | 12 पेज | हरा |
रंग की यह योजना परीक्षा केंद्रों और मूल्यांकन केंद्रों में कॉपियों की पहचान और उनकी सुरक्षा प्रणाली को आसान बनाएगी।
सरकारी प्रेस से ही होगी छपाई
सबसे अहम सुरक्षा कदमों में से एक यह है कि नई आंसर शीट की छपाई की अनुमति केवल प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी और रामपुर के सरकारी प्रेस में ही दी गई है।
- गोपनीयता सुनिश्चित: किसी भी निजी प्रेस को यह अनुमति नहीं दी गई है, ताकि परीक्षा माफिया दोबारा नकली या समान आंसर शीट तैयार न कर सके। इस विशेष प्रिंटिंग प्रक्रिया से परीक्षा की गोपनीयता और सुरक्षा दोनों मजबूत होंगी।
अधिकारियों को विश्वास है कि पिछले कुछ वर्षों में नकल और आंसर शीट से छेड़छाड़ की लगातार मिल रही शिकायतों को यह नया सिस्टम पूरी तरह से खत्म कर देगा और मेहनती छात्रों को निष्पक्ष मूल्यांकन का हक मिलेगा।

