द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत भरी खबर आई है। सरकार ने हाल ही में यूपी आउटसोर्स एम्प्लॉएंस सैलरी चार्ट जारी किया है, जिससे संविदा कर्मचारियों की वेतन और भविष्य को लेकर अनिश्चितता दूर हो जाएगी। नए चार्ट के तहत कर्मचारियों को उनकी योग्यता, जिम्मेदारी और कार्य के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है और प्रत्येक श्रेणी के लिए न्यूनतम वेतन तय किया गया है।
नई सैलरी प्रणाली के अनुसार प्रथम श्रेणी के कर्मचारियों को 40,000 से 45,000 रुपये तक वेतन मिलेगा। इस श्रेणी में वे कर्मचारी शामिल हैं जिनकी उच्च योग्यता और अनुभव है और जो प्रशासनिक या तकनीकी पदों पर कार्यरत हैं। द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 25,000 रुपये, तृतीय श्रेणी के लिए 22,000 रुपये और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए 20,000 रुपये तय किया गया है। चतुर्थ श्रेणी में मुख्य रूप से सफाईकर्मी, चपरासी और अन्य सहायक कर्मचारी आते हैं, जिनके लिए पहले कोई निर्धारित वेतन नहीं था।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस नए वेतन चार्ट से संविदा कर्मचारियों को मनमाने वेतन पर काम करने की मजबूरी नहीं होगी। हर कर्मचारी को उसकी योग्यता और कार्य के अनुसार पारदर्शी वेतन मिलेगा, जो सीधे बैंक खाते में जमा किया जाएगा। इससे न केवल वेतन वितरण में देरी की समस्या खत्म होगी, बल्कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।
पेंशन योजना से संविदा कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित
सरकार ने केवल वेतन ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों के भविष्य का ध्यान रखते हुए पेंशन योजना भी लागू की है। अब लगातार 10 साल तक सेवा देने वाले संविदा कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ मिलेगा। यह सुविधा पहले केवल स्थायी सरकारी कर्मचारियों के लिए थी। पेंशन राशि न्यूनतम 1,000 रुपये से लेकर अधिकतम 7,500 रुपये तक होगी, जो सेवा अवधि और पद के अनुसार तय की जाएगी।
समय पर वेतन भुगतान से मिलेगी राहत
नई व्यवस्था के तहत संविदा कर्मचारियों को हर महीने 1 से 4 तारीख के बीच वेतन मिलेगा। पहले कर्मचारियों को कई हफ्तों या महीनों तक सैलरी का इंतजार करना पड़ता था, जिससे आर्थिक और मानसिक दबाव बढ़ता था। अब तय तारीख पर वेतन सीधे बैंक खाते में जमा होगा, जिससे कर्मचारियों की जीवनशैली और पारिवारिक जीवन पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस पहल से संविदा कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित और सम्मानजनक बनेगी। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा दी गई यह सुविधा कर्मचारियों को लंबे समय तक स्थायित्व और आर्थिक सुरक्षा देने में मदद करेगी।