द लोकतंत्र: उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल में तैनात सीओ अनुज चौधरी को बड़ा प्रमोशन देते हुए एडिशनल एसपी (ASP) के पद पर नियुक्त कर दिया है। 2012 बैच के पीपीएस अधिकारी अनुज चौधरी यूपी पुलिस में स्पोर्ट्स कोटे से इस पद तक पहुंचने वाले पहले अधिकारी बन गए हैं। इससे पहले इस कोटे से कोई भी अधिकारी एडिशनल एसपी के पद तक नहीं पहुंचा था।
सम्मान के साथ प्रमोशन
संभल के एसपी केके बिश्नोई और एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने उनकी वर्दी पर अशोक स्तंभ लगाकर सम्मानित किया। यह उपलब्धि न केवल अनुज चौधरी के लिए, बल्कि खेल जगत से पुलिस सेवा में आने वालों के लिए भी प्रेरणा है।
कुश्ती में शानदार करियर
अनुज चौधरी मूल रूप से मुजफ्फरनगर के बहेड़ी गांव के रहने वाले हैं। पुलिस सेवा में आने से पहले वे अंतरराष्ट्रीय स्तर के कुश्ती खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने 1997 से 2014 तक लगातार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। 2002 और 2010 के नेशनल गेम्स में रजत पदक, 2005 से 2009 तक एशियाई चैंपियनशिप में पदक, 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक और 2004 एथेंस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना उनके करियर के बड़े पड़ाव हैं।
चर्चा में लाने वाली घटनाएं
अनुज चौधरी बीते साल संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा में कड़ी कार्रवाई के लिए सुर्खियों में आए थे। हालांकि, उनके कुछ बयानों पर विवाद भी हुआ था, जिसके चलते उन्हें संभल से चंदौसी स्थानांतरित किया गया था। इसके अलावा धार्मिक कार्यक्रमों में वर्दी में शामिल होने पर भी उनकी आलोचना हुई थी।
विवाद और क्लीन चिट
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने उनके खिलाफ पुलिस सर्विस रूल्स उल्लंघन का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। जांच के बाद उन्हें इस मामले में क्लीन चिट दी गई।
प्रेरणा का स्रोत
अनुज चौधरी का सफर इस बात का प्रमाण है कि खेल जगत से जुड़े लोग मेहनत और समर्पण से पुलिस सेवा में भी ऊंचाइयों को छू सकते हैं। उनका प्रमोशन न केवल व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि उन खिलाड़ियों के लिए भी उम्मीद की किरण है जो पुलिस या प्रशासनिक सेवाओं में आने का सपना देखते हैं।