द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर बढ़ाए गए टैरिफ के बाद अब उन्हें अमेरिकी संसद में भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका के 19 सांसदों, जिनमें डेबोरा रॉस और रो खन्ना प्रमुख हैं, ने बुधवार को ट्रंप को पत्र लिखकर भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों को तुरंत सुधारने की अपील की। सांसदों ने ट्रंप प्रशासन से यह भी मांग की कि भारतीय सामानों पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ को तुरंत वापस लिया जाए, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और रणनीतिक साझेदारी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
टैरिफ से सप्लाई चेन को गंभीर असर
सांसदों ने अपने पत्र में लिखा, अगस्त 2025 के अंत में अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ लागू किया, जिसमें 25 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ और रूस से तेल खरीद के जवाब में 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क शामिल था। इससे न केवल भारतीय निर्माताओं को नुकसान हुआ है, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं और सप्लाई चेन को भी गंभीर असर पड़ा है।
सांसदों का कहना है कि अमेरिकी कंपनियां भारत से महत्वपूर्ण वस्तुएं जैसे सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य सेवा उपकरण और ऊर्जा संसाधन प्राप्त करती हैं और यह टैरिफ उनकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा को कमजोर कर रहा है।
भारत के साथ बढ़ा व्यापारिक तनाव ठीक नहीं
पत्र में यह भी चेतावनी दी गई है कि भारत के साथ बढ़ा व्यापारिक तनाव उसे चीन और रूस की ओर धकेल सकता है। सांसदों ने लिखा, क्वाड में भारत के बढ़ते महत्व और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसकी स्थिर शक्ति को देखते हुए यह कदम अमेरिका के रणनीतिक हितों के लिए चिंता का विषय है। यदि टैरिफ जारी रहे, तो अमेरिका भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका से लाभ नहीं उठा पाएगा।
सांसदों ने इस पत्र में दोनों देशों के बीच साझा रणनीतिक और आर्थिक हितों पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय निवेश अमेरिकी स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और आर्थिक अवसर भी पैदा करता है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है और उसे संतुलित तरीके से प्रोत्साहित करना अमेरिका के हित में है।
भारत के साथ रिश्ते सुधारें ट्रम्प
पत्र में सांसदों ने यह भी उल्लेख किया कि टैरिफ वृद्धि से अमेरिकी परिवारों की लागत बढ़ सकती है और अमेरिकी कंपनियों की वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा की क्षमता कमजोर हो सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका को भारत के साथ रिश्तों को मजबूत करना चाहिए, न कि उन्हें खतरे में डालना।
इस पत्र के जरिए अमेरिकी सांसदों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत पर बढ़ा टैरिफ सिर्फ व्यापारिक नुकसान नहीं, बल्कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की भूमिका को भी प्रभावित कर सकता है। ट्रंप प्रशासन के इन कदमों से अमेरिका-भारत संबंधों में खटास बढ़ने का खतरा है और दोनों देशों के बीच भरोसे को बहाल करने की तत्काल आवश्यकता है।