द लोकतंत्र: 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को बड़ी सौगात दी है। लाल किले से उन्होंने विकसित भारत रोजगार योजना के शुभारंभ की घोषणा की, जो 15 अगस्त 2025 से लागू हो रही है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को पहली नौकरी में आर्थिक सहायता देना और कंपनियों को नए रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित करना है।
क्या है योजना की खासियत?
इस योजना के तहत पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को केंद्र सरकार ₹15,000 की वित्तीय सहायता देगी। वहीं, फ्रेशर्स को नियुक्त करने वाली कंपनियों को प्रति कर्मचारी ₹3,000 तक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। योजना का संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा किया जाएगा।
योजना का बजट और लक्ष्य
सरकार ने इस योजना के लिए 99,446 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। लक्ष्य है कि आने वाले दो वर्षों में 3.5 करोड़ नई नौकरियां पैदा की जाएं।
योजना के मुख्य लाभ
पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को ₹15,000 की आर्थिक मदद।
फ्रेशर्स को नियुक्त करने वाली कंपनियों को ₹3,000 तक का प्रोत्साहन।
युवाओं को स्किल डेवलपमेंट के अवसर और उद्योगों में नई तकनीक का समावेश।
MSMEs को सपोर्ट और मेक इन इंडिया को बढ़ावा।
योजना का उद्देश्य
रोजगार सृजन को बढ़ावा देना, खासकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में।
18 से 35 वर्ष के युवाओं को स्किल डेवलपमेंट और नौकरी के अवसर उपलब्ध कराना।
उद्योगों में नई तकनीक और कौशल का विकास करना।
सोशल सिक्योरिटी सेवाओं जैसे पेंशन और इंश्योरेंस का विस्तार।
किन लोगों को मिलेगा लाभ?
वे युवा जो पहली बार नौकरी ज्वाइन कर रहे हैं।
मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज और टेक्नोलॉजी सेक्टर के नियोक्ता।
छोटे और मझोले उद्योग (MSMEs) विशेष रूप से इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
विकसित भारत रोजगार योजना युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आई है। यह न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करेगी बल्कि रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगी। सरकार का दावा है कि इससे उद्योगों में नई ऊर्जा आएगी और देश में बेरोजगारी की समस्या कम होगी।