द लोकतंत्र : लव जिहाद को लेकर अब योगी आदित्यनाथ सरकार और सख्त हो गई है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने विधानसभा में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक पेश किया गया। इसके तहत अब ‘लव जिहाद’ पर ज़िंदगी भर जेल काटनी पड़ सकती है। इसके अलावा सरकार ने कई अपराधों में सज़ा को दोगुना बढ़ा दिया है। ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि इससे जुड़े बिल को यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार 30 जुलाई को पास कराया जा सकता है।
इसके अलावा सरकार लव जिहाद के तहत नए अपराध भी शामिल कर रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ इस विधेयक में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी कानून के तहत अपराध के दायरे में लाने को लेकर तैयारी की गई है। बता दें, योगी आदित्यनाथ की सरकार ने वर्ष 2020 में पहली बार लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया था। अब इस कानून को और सख्त करने के लिए विधानसभा में सोमवार 29 जुलाई को संशोधन अध्यादेश पेश किया गया।
बढ़ेगी सजा की मियाद, पहले था दस वर्षों का कारावास
बता दें, अब तक इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 10 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया था। विधेयक को लेकर सरकार का कहना है कि अपराध की संवेदनशीलता, महिलाओं की गरिमा व सामाजिक स्थिति, महिला, एससी-एसटी आदि का अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए यह महसूस किया गया कि सजा व जुर्माने की राशि को और भी कड़ा करने की जरूरत है। इसलिए, यह विधेयक लाया जा रहा है। नये विधेयक के अन्तर्गत दिव्यांग, मानसिक दुर्बल को कपट, बहला-फुसला कर धर्म बदलवाने पर 5-14 साल की जेल और 1 लाख रुपये जुर्माना देना होगा। अवैध धर्म परिवर्तन के लिए विदेशी फंडिंग पर 7-14 साल की जेल व 10 लाख जुर्माना, अवैध धर्म परिवर्तन के लिए नाबालिग, महिला, व्यक्त की तस्करी पर 20 साल से आजीवन कारावास तक की सजा और जुर्माना अदालत तय करेगी।
स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन की स्थिति में 2 महीने पूर्व मजिस्ट्रेट को देनी होगी सूचना
हालाँकि, योगी सरकार के द्वारा बनाये गये इस क़ानून का पहले भी विरोध हो चुका है। लोगों का तर्क है कि ये कानून धार्मिक स्वतंत्रता का न सिर्फ़ हनन करता है। बल्कि दो लोगों के मध्य आपसी रिश्ते में सरकार का हस्तक्षेप है। योगी सरकार द्वारा विधानसभा में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध (संसोधन) विधेयक को आज पास किया जा सकता है।
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लव जिहाद के खिलाफ योगी सरकार के विधेयक के तहत सिर्फ शादी करने के लिए अगर धर्म बदला जाता है तो ये अमान्य माना जाएगा। इसके साथ ही इस मामले में धोखा में रखकर या फिर झूठ बोलकर धर्म परिवर्तन किया जाता है तो इसे अपराध माना जाएगा। अगर कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो ऐसी स्थिति में उसे 2 महीने पहले मजिस्ट्रेट को इस बारे में सूचना देनी होगी।