द लोकतंत्र : लोकप्रिय रियलिटी शो ‘बिग बॉस 19’ के ‘वीकेंड का वार’ एपिसोड में अभिनेता अभिषेक बजाज का अचानक निष्कासन न केवल घर के सदस्यों, बल्कि उनके बड़े होते फैन बेस के लिए एक बड़ा झटका बनकर आया है। ढाई महीने तक अपने खेल से दर्शकों को प्रभावित करने वाले अभिषेक का सफर इस तरह खत्म होना कई सवाल खड़े करता है, ख़ासकर तब जब यह फैसला दर्शकों के वोटों के बजाय घर के एक सदस्य द्वारा ली गई विशेष शक्ति पर आधारित था।
पृष्ठभूमि: प्रणित मोरे का विवादास्पद फैसला
रविवार को प्रसारित हुए एपिसोड में, मेज़बान सलमान खान ने कंटेस्टेंट प्रणित मोरे को एक अभूतपूर्व विशेष शक्ति प्रदान की। प्रणित को यह निर्णय लेना था कि वे अभिषेक बजाज और अशनूर में से किसे एलिमिनेट होने से बचाएंगे। सलमान द्वारा यह स्पष्टीकरण दिए जाने के बावजूद कि फैसला शो में सबसे अधिक योगदान देने वाले सदस्य को ध्यान में रखकर लिया जाना चाहिए, प्रणित ने अपने साथी दावेदार अभिषेक के स्थान पर अशनूर को चुना, जिसके परिणामस्वरूप अभिषेक को घर से बाहर होना पड़ा।
घर के भीतर और बाहर विरोध का स्वर
प्रणित के इस फैसले को घर के अंदर भी समर्थन नहीं मिला। गौरव खन्ना, अमाल मलिक और फरहाना भट्ट सहित कई सदस्यों ने खुले तौर पर प्रणित के निर्णय को अनुचित ठहराया। उन्होंने एकमत से कहा कि अभिषेक शो में बने रहने के लिए अधिक योग्य थे। अभिषेक के जाने की खबर पर लगभग पूरा घर भावुक हो गया और अशनूर को भी गहरा सदमा लगा।
सोशल मीडिया पर फैंस की प्रतिक्रिया और भी तीव्र थी। X (पूर्व में ट्विटर) पर ‘अनबीटेबल अभिषेक बजाज’ हैशटैग तेज़ी से ट्रेंड हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में फैंस ने उनके समर्थन में आवाज़ उठाई। फैंस का एक बड़ा वर्ग प्रणित मोरे के फैसले को ‘दोगला’ बता रहा है और उन पर गेम के लिए दोस्ती कुर्बान करने का आरोप लगा रहा है। एक सोशल मीडिया यूज़र ने लिखा कि प्रणित अपने दोस्त के मूल्यों पर सवाल उठाने की हिम्मत न करें।
विशेषज्ञों का मत और पूर्व कंटेस्टेंट की प्रतिक्रिया
रियलिटी शो के घटनाक्रम पर करीबी नज़र रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के ‘ट्विस्टेड’ एविक्शन से शो की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग सकता है। एक रियलिटी टीवी विश्लेषक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “जब दर्शक एक कंटेस्टेंट के लिए महीनों तक वोट करते हैं और फिर वोटों की अनदेखी कर एक व्यक्तिगत फैसला एविक्शन का कारण बनता है, तो फैंस नाराज़ होते हैं। यह मेकर्स द्वारा टीआरपी (TRP) बढ़ाने के लिए खेला गया एक जोखिम भरा दाँव हो सकता है, लेकिन इसका नकारात्मक असर शो की निष्पक्षता की छवि पर पड़ता है।”
‘बिग बॉस’ की पूर्व कंटेस्टेंट काम्या पंजाबी ने भी इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने X पर लिखा, “ओह, तो ये प्लान था। बुरी किस्मत अभिषेक… बिग बॉस बेचारे प्रणित को भी पछतावे में डाल दिया।” उनका यह बयान मेकर्स पर सुनियोजित साज़िश का संकेत देता है।
‘बिग बॉस 19’ अब अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में अभिषेक बजाज जैसे मजबूत दावेदार का इस तरह बाहर होना निश्चित रूप से शो के फिनाले की गतिशीलता को प्रभावित करेगा। यह घटना इस बात को रेखांकित करती है कि रियलिटी शो में दोस्ती, वफादारी और गेमप्ले की नैतिकता को अक्सर ‘मेकर्स के ट्विस्ट’ के आगे झुकना पड़ता है। अब देखना यह है कि इस विवाद के बाद बचे हुए कंटेस्टेंट्स का खेल किस करवट लेता है।

