द लोकतंत्र : भारतीय सिनेमा के एक ऐतिहासिक दौर का प्रतिनिधित्व करने वाली दिग्गज अभिनेत्री कामिनी कौशल (Kamini Kaushal) का 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वेटरन अभिनेत्री ने अपने 70 साल से अधिक के लंबे फिल्मी करियर में भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) को कई अविस्मरणीय फिल्में दीं और अपने अभिनय के हुनर से दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी। उनका जाना सिर्फ उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे बॉलीवुड जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
कामिनी कौशल पिछले कुछ महीनों से उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रही थीं। उनके निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है।
कान Film Festival में Palm d’Or जीतने वाली पहली अभिनेत्री
1927 में जन्मी कामिनी कौशल भारतीय सिनेमा की शुरुआती महिला सुपरस्टार्स में से एक थीं। उन्होंने 1946 में अपनी पहली फिल्म ‘नीचा नगर’ (Neecha Nagar) से शानदार शुरुआत की। यह फिल्म भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गई, क्योंकि इसे प्रतिष्ठित कान फिल्म फेस्टिवल (Cannes Film Festival) में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार पाम डी’ओर (Golden Palm) मिला था। यह ऐतिहासिक सम्मान आज तक किसी और भारतीय फिल्म को नहीं मिला है, जो कामिनी कौशल के करियर की नींव की महत्ता को दर्शाता है।
इसके बाद, उन्होंने अपने करियर में 90 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया, जिनमें ‘शहीद’, ‘नदिया के पार’, ‘शबनम’, ‘अर्जू’ और ‘बिराज बहू’ जैसी मशहूर फिल्में शामिल हैं। उन्होंने ड्रामेटिक भूमिकाओं से लेकर रोमांटिक किरदारों तक, हर तरह के रोल में अपनी बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया।
धर्मेंद्र के करियर में अहम योगदान
कामिनी कौशल के करियर का एक महत्वपूर्ण अध्याय अभिनेता धर्मेंद्र (Dharmendra) के साथ उनके जुड़ाव से संबंधित है। वह धर्मेंद्र की पहली हीरोइन (First Heroine) और पहली को-स्टार थीं। दोनों ने साथ में क्लासिक फिल्म ‘शहीद’ में काम किया था।
धर्मेंद्र स्वयं कामिनी कौशल को अपने शुरुआती करियर में साथ रहने वाली दोस्तों में से एक मानते थे। कुछ समय पहले, धर्मेंद्र ने सोशल मीडिया हैंडल इंस्टाग्राम पर कामिनी कौशल के साथ अपनी पहली मुलाकात की एक पुरानी तस्वीर भी साझा की थी। उन्होंने उस तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा था कि पहली फिल्म ‘शहीद’ की हीरोइन कामिनी कौशल के साथ पहली मुलाकात की पहली तस्वीर। यह दोनों के चेहरों पर दिख रही मुस्कान और एक प्यार भरी मुलाकात को दर्शाती है। यह किस्सा दोनों कलाकारों के बीच के गहरे और सम्मानपूर्ण संबंध को बयां करता है।
टेलीविजन में भी योगदान
फिल्मों के अलावा, वेटरन एक्ट्रेस ने भारतीय टेलीविजन (Indian Television) में भी बड़ा योगदान दिया। उनका दूरदर्शन का शो ‘चंद सितारे’ बहुत लोकप्रिय हुआ, जिसने उन्हें सिनेमा की एक नई पीढ़ी के दर्शकों से जोड़ा।
कामिनी कौशल का जाना उस पीढ़ी के कलाकारों के अंत का संकेत है जिन्होंने बॉलीवुड की नींव रखी और सिनेमा को एक नया आयाम दिया। उनके हुनर, उनके योगदान और उनकी विरासत को भारतीय सिनेमा हमेशा याद रखेगा।

