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National Film Awards 2023 में ‘रॉकेट्री’ का दबदबा, अल्‍लू अर्जुन, आल‍िया भट्ट और कृत‍ि सेनन बेस्‍ट एक्‍टर्स

69th National Film Festival

द लोकतंत्र : भारत के 69वें National Film Awards 2023 की शाम के सितारे रहें पुष्पा फ़िल्म के अभिनेता अल्लू अर्जुन, गंगूबाई काठियावाड़ी के लिए आलिया भट्ट और मिमी के लिए कृति सेनन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।

National Film Awards 2023 में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म ‘रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट’

सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी फ़िल्म और संपूर्ण मनोरंजन का खिताब आरआरआर के नाम रहा। सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म – ‘रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट’ को गया। सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का खिताब पंकज त्रिपाठी (मिमी) एवम सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पल्लवी जोशी (कश्मीर फाइल्स) के लिए दिया गया।

स्पेशल जूरी पुरस्कार फ़िल्म ‘शेरशाह’ ने तो वहीं राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म ‘ द कश्मीर फाइल्स ‘ को मिला। फ़िल्म ‘इराविन निज़ल’ के गाने ‘मायावा चयावा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला प्लेबैक सिंगर श्रेया घोषाल को तो वहीं फ़िल्म ‘आरआरआर’ के गाने ‘कोमूराम भीमुडो’ के लिए काला भैरव ने सर्वश्रेष्ठ पुरुष प्लेबैक सिंगर का खिताब जीता।

69वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को राष्ट्रीय एकता दिखाने के लिए बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड मिला है। इस फिल्म से बतौर एक्टर और एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर जुड़े रहे अनुपम खेर ने इस अवॉर्ड के प्रति अपनी एक्साइटमेंट शेयर की है। उन्होंने फिल्म के नेशनल अवॉर्ड जीतने पर खुशी जाहिर की पर साथ ही खुद की परफॉर्मेंस को अवॉर्ड ना मिलने पर दुख भी जताया।

यह भी पढ़ें : हेलमेट और बैट फेंक मनाया जीत का जश्न

एक इंटरव्यू में अनुपम ने कहा, हमें नेशनल अवॉर्ड जीतने की काफी उम्मीद थी, क्योंकि जब आप अपना बेस्ट काम करते हैं तो ऐसी उम्मीदें रखते हैं। फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री इस वक्त देश में नहीं हैं पर मैं उनकी जगह पर यह बोल सकता हूं कि रिलीज के बाद जो कुछ भी हुआ, हमने इस कैटेगरी में जीतने की कभी उम्मीद नहीं की थी। इस नेशनल अवॉर्ड ने हर उस इंसान को जवाब दे दिया है जिसने इस फिल्म पर सवाल उठाए थे। इस कैटेगरी में अवॉर्ड जीतने के बाद हम सभी के चेहरे पर मुस्कान है।

69वें नेशनल अवॉर्ड्स विनर्स

  • बेस्ट फीचर फिल्म: रॉकेट्री
  • बेस्ट निर्देशक: निखिल महाजन, गोदावरी
  • बेस्ट पॉपुलर फिल्म प्रोवाइडिंग होलसम एंटरटेनमेंट: आरआरआर
  • राष्ट्रीय एकता पर बेस्ट फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार: द कश्मीर फाइल्स
  • बेस्ट एक्टर: अल्लू अर्जुन (पुष्पा)
  • बेस्ट एक्ट्रेस: आलिया भट्ट( गंगूबाई काठियावाड़ी) और कृति सेनन ( मिमी)
  • बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर: पंकज त्रिपाठी ( मिमी)
  • बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस: पल्लवी जोशी ( द कश्मीर फाइल्स)
  • बेस्ट चाइल्ट आर्टिस्ट: भाविन रबारी ( छैलो शो)
  • बेस्ट स्क्रीनप्ले (ओरिजनल): शाही कबीर ( नयट्टू)
  • बेस्ट स्क्रीनप्ले (एडेप्टेड): संजय लीला भंसाली और उत्कर्षिनी वशिष्ठ (गंगूबाई काठियावाड़ी)
  • बेस्ट डायलॉग राइटर: उत्कर्षिनी वशिष्ठ और प्रकाश कपाड़िया (गंगूबाई काठियावाड़ी)
  • बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर (स़ॉन्गस): देवी श्री प्रसाद ( पुष्पा)
  • बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन (बैकग्राउंड म्यूजिक): एमएम कीरावनी (आरआरआर)
  • बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर: काला भैरव ( आरआरआर)
  • बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर: श्रेया घोषाल, इराविन निज़ल
  • बेस्ट लिरिक्स: चंद्रबोस, कोंडा पोलम का धम धम धम
  • बेस्ट हिंदी फिल्म: सरदार उधम
  • बेस्ट कन्नड़ फिल्म: 777 चार्ली
  • बेस्ट मलयालम फिल्म: होम
  • बेस्ट गुजराती फिल्म: छैलो शो
  • बेस्ट तमिल फिल्म: कदैसी विवासयी
  • बेस्ट तेलुगु फिल्म: उप्पेना
  • बेस्ट मैथिली फिल्म: समानान्तर
  • बेस्ट मिशिंग फिल्म: बूम्बा राइड
  • बेस्ट मराठी फिल्म: एकदा काय जाला
  • बेस्ट बंगाली फिल्म: कल्कोक्खो
  • बेस्ट असमिया फिल्म: अनुर
  • बेस्ट मेइतिलोन फिल्म: इखोइगी यम
  • बेस्ट उड़िया फिल्म: प्रत्यक्षा
  • इंदिरा गांधी अवॉर्ड फॉर बेस्ड डेब्यू फिल्म ऑफ डायरेक्टर: मेप्पडियन, विष्णु मोहन
  • सामाजिक मुद्दों पर बेस्ट फिल्म: अनुनाद – द रेज़ोनेंस
  • बेस्ट फिल्म ऑन एनवायरमेंट कंजर्वेशन/प्रिजर्वेशन: आवासव्यूहम
  • बेस्ट बाल फिल्म: गांधी एंड कंपनी
  • बेस्ट ऑडियोग्राफी (लोकेशन साउंड रिकॉर्डिस्ट): अरुण असोक और सोनू केपी, चविट्टू
  • बेस्ट ऑडियोग्राफी (साउंड डिजाइनर): अनीश बसु, झिल्ली
  • बेस्ट ऑडियोग्राफी (री-रिकॉर्डिस्ट ऑफ द फाइनल मिक्स्ड ट्रैक): सिनॉय जोसेफ, सरदार उधम
  • बेस्ट कोरियोग्राफी: प्रेम रक्षित, आरआरआर
  • बेस्ट सिनेमाटोग्राफी: अविक मुखोपाध्याय, सरदार उधम
  • बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइनर: वीरा कपूर हां, सरदार उधम
  • बेस्ट स्पेशल इफेक्ट्स: श्रीनिवास मोहन, आरआरआर
  • बेस्ट प्रोडक्शन डिज़ाइन: दिमित्री मलिक और मानसी ध्रुव मेहता, सरदार उधम
  • बेस्ट एडीटिंग: संजय लीला भंसाली, गंगूबाई काठियावाड़ी
  • बेस्ट मेकअप: प्रीतिशील सिंह, गंगूबाई काठियावाड़ी
  • बेस्ट स्टंट कोरियोग्राफी: किंग सोलोमन, आरआरआर
  • स्पेशल जूरी पुरस्कार: शेरशाह, विष्णुवर्धन
  • स्पेशल मेंशन: 1. स्वर्गीय श्री नल्लंदी, कदैसी विवासयी 2. अरन्या गुप्ता और बिथन बिस्वास, झिल्ली 3. इंद्रांस, होम 4. जहांआरा बेगम, अनुर
  • बेस्ट नॉनफीचर फिल्म: एक था गांव
  • बेस्ट डायरेक्शन (नॉन-फीचर फिल्म): बकुल मटियानी, स्माइल प्लीज़
  • बेस्ट डेब्यू नॉन फीचर फिल्म ऑफ ए डायरेक्टर: पांचिका, अंकित कोठारी
  • बेस्ट एंथ्रोपोलॉजिकल फिल्म: फायर ऑन एज
  • बेस्ट बायोग्राफिकल फिल्म: 1. रुखु मतिर दुखु माझी, 2. बियॉन्ड ब्लास्ट
  • बेस्ट आर्ट्स फ़िल्में: टी.एन. कृष्णन बो स्ट्रिंग्स टू डिवाइन
  • सबेस्ट साइंड एंड टेक्नोलॉजी फ़िल्में: एथोस ऑफ़ डार्कनेस
  • बेस्ट प्रमोशनल फिल्म: लुप्तप्राय विरासत ‘वर्ली आर्ट’
  • बेस्ट पर्यावरण फिल्म (नॉन-फीचर फिल्म): मुन्नम वलावु
  • सामाजिक मुद्दों पर बेस्ट फिल्म (नॉन-फीचर फिल्म): 1. मिट्ठू दी, 2. थ्री टू वन
  • बेस्ट इंवेस्टिगेटिव फिल्म: लुकिंग फॉर चालान
  • बेस्ट एक्सप्लोरेशन फिल्म: आयुष्मान
  • बेस्ट एजुकेशनल फिल्म: सिरपिगलिन सिरपंगल
  • बेस्ट शॉर्ट फिक्शन फिल्म: दाल भात
  • बेस्ट एनिमेशन फिल्म: कंदित्तुंडु
  • बेस्ट फिल्म ऑफ फैमिली वैल्यूज: चांद सांसे
  • बेस्ट सिनेमैटोग्राफी (नॉन-फीचर फिल्म): बिट्टू रावत, पाताल
  • बेस्ट ऑडियोग्राफी (री-रिकॉर्डिस्ट ऑफ द फाइनल मिक्स्ड ट्रैक) (नॉन-फीचर फिल्म): उन्नी कृष्णन, एक था गांव
  • बेस्ट प्रोडक्शन साउंड रिकॉर्डिस्ट (लोकेशन/सिंक साउंड) (नॉन-फीचर फिल्म): सुरुचि शर्मा, मीन राग
  • बेस्ट एडीटिंग (नॉन-फीचर फिल्म): अभ्रो बनर्जी, इफ मेमोरी सर्व्स मी राइट
  • बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन (नॉन-फीचर फिल्म): ईशान दिवेचा, सक्सेलेंट
  • बेस्ट नैरेशन/वॉयस ओवर नॉन-फीचर फिल्म): कुलदा कुमार भट्टाचार्जी, हाथीबंधु
  • स्पेशल मेंशन (नॉन-फीचर फिल्म): 1. अनिरुद्ध जटकर, बाले बंगारा, 2. श्रीकांत देवा, करुवराई, 3. स्वेता कुमार दास, द हीलिंग टच, 4. राम कमल मुखर्जी, एक दुआ
  • स्पेशल जूरी पुरस्कार (नॉन-फीचर फिल्म): शेखर बापू रणखंबे, रेखा
  • सिनेमा पर बेस्ट पुस्तक: म्यूजिक बाय लक्ष्मीकांत प्यारेलाल: द इनक्रेडिबली मेलोडियस जर्नी बाय राजीव विजयकर
  • बेस्ट फ़िल्म क्रिटिक: पुरूषोत्तम चार्युलु
  • बेस्ट फ़िल्म क्रिटिक (स्पेशल मेंशन): सुब्रमण्य बंडूर

Ayush Krishn Tripathi

Ayush Krishn Tripathi

About Author

आयुष कृष्ण त्रिपाठी, पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा फोटोग्राफी इनकी हॉबी है। इनकी बेहतरीन तस्वीरों के लिए इन्हें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सम्मानित किया जा चुका है। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ है।

1 Comment

  1. Rajveer Singh

    August 26, 2023

    Wonderful

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