द लोकतंत्र : भारतीय सिनेमा के सबसे दूरदर्शी निर्देशकों में से एक एसएस राजामौली की बहुप्रतीक्षित फिल्म, जिसे पहले SSMB 29 के नाम से जाना जाता था, ने आधिकारिक तौर पर अपना शीर्षक वाराणसी घोषित कर दिया है। यह फिल्म न केवल अपने विशाल पैमाने और भव्यता के लिए, बल्कि अपने ₹1000 करोड़ से अधिक के बजट और कलाकारों की फीस के कारण भी जबरदस्त सुर्खियाँ बटोर रही है। यह प्रोजेक्ट, जिसमें महेश बाबू, प्रियंका चोपड़ा और पृथ्वीराज सुकुमारन जैसे कलाकार शामिल हैं, 2027 में दस्तक देने की तैयारी में है, और इसे अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों पर एक सिनेमैटिक अनुभव माना जा रहा है।
राजामौली की पिछली फिल्में, जैसे ‘बाहुबली’ और ‘आरआरआर’, ने वैश्विक स्तर पर सफलता हासिल की है। ‘वाराणसी’ में उन्होंने पहली बार तेलुगू सुपरस्टार महेश बाबू के साथ हाथ मिलाया है, जो इस प्रोजेक्ट के आकर्षण का केंद्र हैं। इसके अलावा, प्रियंका चोपड़ा, जो अब हॉलीवुड में भी अपनी पहचान बना चुकी हैं, लंबे समय बाद इंडियन सिनेमा के पर्दे पर दिखेंगी। हाल ही में हुए ग्रैंड टाइटल लॉन्च इवेंट के दौरान 50 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ ने महेश बाबू के लुक रिवील और टाइटल के अनावरण को देखा, जिससे इस फिल्म की अपार क्षमता का संकेत मिलता है।
यद्यपि फिल्म के निर्माताओं ने आधिकारिक तौर पर बजट की पुष्टि नहीं की है, लेकिन ₹1000 करोड़ से अधिक की खबरें इस प्रोजेक्ट की महत्वाकांक्षा और उत्पादन मूल्य (Production Value) को दर्शाती हैं। राजामौली ने हमेशा ही अपनी फिल्मों के माध्यम से भारतीय सिनेमा की सीमाओं को बढ़ाया है, और ‘वाराणसी’ को उनकी अब तक की सबसे महंगी फिल्म माना जा रहा है। यह भारी-भरकम बजट फिल्म के पैमाने और विजुअल इफेक्ट्स (VFX) की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
इस फिल्म की सबसे दिलचस्प बात कलाकारों की फीस का मॉडल है।
- प्रियंका चोपड़ा की फीस: ग्लोबल फेस के रूप में प्रियंका चोपड़ा ने इस फिल्म के लिए करीब ₹30 करोड़ की भारी-भरकम फीस ली है, जो उन्हें भारत की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली अभिनेत्रियों में शामिल करती है।
- महेश बाबू की डील: फिल्म के नायक महेश बाबू ने इस प्रोजेक्ट के लिए कोई अग्रिम फीस नहीं ली है। इसके बजाय, उन्होंने राजामौली के साथ मिलकर प्रॉफिट शेयरिंग मॉडल पर काम करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि दोनों को मिलाकर लगभग 40% का प्रॉफिट शेयर मिलेगा।
वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम न केवल फिल्म के स्केल को बढ़ाता है, बल्कि यह भी बताता है कि महेश बाबू और राजामौली को इसकी बॉक्स ऑफिस कमाई को लेकर कितना अटूट विश्वास है।
‘वाराणसी’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और सिनेमैटिक इवेंट बनने की क्षमता रखती है। भारतीय दर्शक, विशेष रूप से राजामौली के फैंस, 2027 में इस महापर्दे के अनुभव का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। फिल्म में एक दमदार ग्लोबल फेस (प्रियंका) का होना और दक्षिण भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े नामों में से एक (महेश बाबू) का होना, इसकी पैन-इंडिया और अंतर्राष्ट्रीय अपील को सुनिश्चित करता है।
एसएस राजामौली की ‘वाराणसी’ भारतीय सिनेमा के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। ₹1000 करोड़ के बजट, प्रॉफिट शेयरिंग जैसे नए वित्तीय मॉडल और वैश्विक स्टारकास्ट के साथ, यह फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ सकती है, बल्कि भारतीय फिल्म उद्योग के वित्तीय और कलात्मक मापदंडों को भी हमेशा के लिए बदल सकती है।

