द लोकतंत्र: फिल्म जगत की दुनिया में कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड्स दिए जाते हैं, जिनमें से वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (Venice International Film Festival) सबसे पुराना और चर्चित फिल्म समारोह माना जाता है। इस साल का 82वां वेनिस फिल्म फेस्टिवल भारत के लिए बेहद खास रहा क्योंकि भारतीय फिल्ममेकर अनुपर्णा रॉय ने इतिहास रच दिया है।
अनुपर्णा रॉय को उनकी फिल्म ‘सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज’ (Songs of Forgotten Trees) के लिए बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय महिला निर्देशक को यह सम्मान मिला है। इस उपलब्धि के साथ ही अनुपर्णा ने न केवल भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक मजबूत पहचान बनाई है।
अनुपर्णा रॉय ने जताई खुशी
वेनिस फिल्म फेस्टिवल में सम्मान मिलने के बाद अनुपर्णा रॉय ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, “यह सम्मान एक बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है। एक भारतीय फिल्ममेकर और वैश्विक नागरिक दोनों के रूप में मुझे गर्व है कि मेरी फिल्म को इतनी बड़ी मान्यता मिली है। यह मुझे आगे बढ़ने और और बेहतर काम करने की प्रेरणा देगा।”
फिल्म से जुड़ा व्यक्तिगत पहलू
अनुपर्णा रॉय की फिल्म ‘सॉन्ग्स ऑफ फॉरगॉटन ट्रीज’ में थूया नाम की लड़की की कहानी दिखाई गई है। इस किरदार के बारे में अनुपर्णा ने बताया कि यह कहानी उनके व्यक्तिगत अनुभवों से गहराई से जुड़ी हुई है। उन्होंने अपनी दादी का जिक्र किया, जो बाल विवाह की शिकार थीं। उनकी दादी और उनकी सौतेली बेटी एक ही उम्र की थीं और मां-बेटी से ज्यादा एक-दूसरे की सहेली बन गईं। यही रिश्ता आगे चलकर फिल्म के किरदारों में झलकता है।
जातिवाद और बचपन की सहेली की कहानी
निर्देशिका ने अपनी बचपन की सहेली का भी जिक्र किया, जिसे जातिवाद और सामाजिक दबाव के कारण 13 साल की उम्र में शादी करनी पड़ी। अनुपर्णा ने कहा कि यह अनुभव उनके लिए बहुत दर्दनाक था और उन्होंने इसे अपनी फिल्म में दिखाने की कोशिश की है।
फिल्म की स्टारकास्ट
इस फिल्म में नाज शेख और सुमी बघेल मुख्य भूमिकाओं में नजर आई हैं। फिल्म दो लड़कियों की जिंदगी और संघर्ष को बारीकी से प्रस्तुत करती है। सामाजिक मुद्दों और रिश्तों की गहराई को दिखाने वाली यह फिल्म न सिर्फ भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी सराही गई।
भारतीय सिनेमा के लिए गर्व का पल
अनुपर्णा रॉय की इस उपलब्धि ने भारतीय सिनेमा का कद और बढ़ा दिया है। यह सम्मान न केवल उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।