द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। महागठबंधन की करारी हार के बीच विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी ने एनडीए की जीत पर बड़ा हमला बोला है। सहनी ने हार स्वीकार जरूर की, लेकिन साथ ही यह दावा किया कि एनडीए को वास्तविक जनादेश नहीं मिला है बल्कि वे ‘पैसे की ताकत’ के दम पर सत्ता में लौटे हैं। उनके आरोप ने बिहार की राजनीतिक हलचल को और गर्म कर दिया है।
10,000 में बिहार सरकार मिलती है – सहनी
मुकेश सहनी ने कहा कि महिलाओं को दस हज़ार रुपये देकर वोट खरीदे गए। उनका सीधा-सीधा आरोप था कि 10,000 में क्या मिलता है? 10,000 में बिहार सरकार मिलती है। सहनी के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में जिस तरह कथित रूप से पैसे का इस्तेमाल हुआ है, वह लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा है।
सहनी ने एनडीए की जीत पर बधाई देते हुए भी आरोपों की धार कम नहीं होने दी। उन्होंने दावा किया कि वोटिंग पैटर्न में साफ दिखा कि युवाओं ने महागठबंधन का साथ दिया, जबकि महिलाओं का एक बड़ा वर्ग एनडीए के पक्ष में गया और इसके पीछे ‘पैसे के आदान-प्रदान’ का आरोप उन्होंने दोहराया। उनका दावा है कि महिलाओं को खुलेआम पैसे दिए गए, इसलिए उन्होंने एनडीए को समर्थन दिया।
लोकतंत्र के सिद्धांतों और जनता के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे – सहनी
आगे की रणनीति पर सहनी ने कहा कि वे लोकतंत्र के सिद्धांतों और जनता के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने नई सरकार को उसकी चुनावी घोषणाओं की याद दिलाते हुए कहा कि अब वादों को पूरा करने की बारी है। विशेषकर उन्होंने ‘जीविका दीदी’ योजना का जिक्र किया और कहा कि सरकार को इस पर तुरंत काम शुरू करना चाहिए।
इसी बीच महागठबंधन की हार के साथ लालू यादव परिवार में चले विवाद पर भी सहनी ने टिप्पणी की। रोहिणी आचार्य और परिवार के अन्य सदस्यों के बीच कथित मतभेदों पर सहनी ने कहा कि यह ‘पारिवारिक मामला’ है और इसे राजनीतिक इश्यू नहीं बनाया जाना चाहिए। सहनी ने कहा कि चुनाव परिणामों के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है, लेकिन गलतियों से सीखना अधिक जरूरी है।
दरअसल, बिहार चुनावों में एनडीए की भारी जीत के बाद विपक्ष में निराशा का माहौल है। ऐसे में सहनी के आरोप ने चुनावी नैरेटिव को नया मोड़ दे दिया है। उनकी बातों ने यह भी साफ किया कि आने वाले दिनों में महागठबंधन, खासकर VIP, अपनी राजनीतिक रणनीति को नए सिरे से आकार देगी। बिहार की राजनीति में जहां NDA सत्ता संभालने की तैयारी कर रहा है, वहीं विपक्ष भीतर ही भीतर आत्ममंथन और पुनर्गठन के दौर से गुजर रहा है। मुकेश सहनी जैसे नेताओं के तीखे बयान आने वाले दिनों में राजनीतिक माहौल को और भी आरोप-पलटवार की दिशा में ले जा सकते हैं।

