द लोकतंत्र : दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर नकदी बरामद होने के मामले पर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने कहा, वह पैसा शायद उन्होंने (जस्टिस वर्मा) उधार लिया होगा। यह तो कुछ ही पैसा मिला है, हमने उत्तराखंड में कई सौ करोड़ रुपये पकड़े देखे, लेकिन आज तक पता नहीं चला कि वह किसका था।
महाकुंभ पर भी साधा निशाना
सपा प्रमुख ने महाकुंभ 2025 को लेकर भी प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन में जिन श्रद्धालुओं की जान गई या जो लापता हुए, सरकार न तो उन्हें मुआवजा देना चाहती है और न ही ढूंढना चाहती है। यह सरकार झूठ बोल रही है। प्रचार किया गया कि यह डिजिटल महाकुंभ था, तो फिर वहां के ड्रोन और सीसीटीवी फुटेज कहां गए?
जस्टिस यशवंत वर्मा ने लगाए साजिश के आरोप
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा ने इन आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा, मुझे और मेरे परिवार को किसी भी नकदी की कोई जानकारी नहीं है। यह एक साजिश के तहत मुझे बदनाम करने और फंसाने की कोशिश है। जिस कमरे में पैसे मिलने की बात कही जा रही है, वह मेरे मुख्य आवास से पूरी तरह अलग था।
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वहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने तीन जजों की एक समिति गठित कर दी है, जो जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की गहन जांच करेगी। इसके अलावा, दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी गई है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, इस विवाद के केंद्र में जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने की खबरें हैं। हालांकि, इस पर अब राजनीति तेज हो गई है, और राजनीतिक दल अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट से ही स्पष्ट होगा कि यह भ्रष्टाचार का मामला है या किसी गहरी साजिश का हिस्सा।