द लोकतंत्र : बंगाल में ममता बनर्जी ने सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। तृणमूल कांग्रेस ने अपने सात मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया है। इनमें बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह का नाम भी शामिल हैं। बता दें, अर्जुन सिंह पहले टीएमसी में थे। 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें टीएमसी ने टिकट नहीं दिया था जिसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे। टीएमसी द्वारा सीटों के ऐलान के साथ ही कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावनाओं को भी विराम लग गया।
दरअसल, अर्जुन सिंह ने भाजपा के टिकट पर बैरकपुर से जीत हासिल की थी। हालांकि, चुनाव जीतने के बाद वर्ष 2022 में वे पुनः टीएमसी में वापस आ गए थे। इस बार टीएमसी ने फिर से उन्हें टिकट नहीं दिया है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कहीं वह फिर से भाजपा की ओर रुख़ न करें। बैरकपुर में तृणमूल कांग्रेस ने विधायक और मंत्री पार्थ भौमिक को मैदान में उतारा है।
आखिरी वक्त में बताया गया कि उन्हें टिकट नहीं मिल रहा
अर्जुन ने कहा, मैं डेढ़ साल से पार्टी का प्रभारी नहीं था। मैं केवल एक सांसद था। मुझे बताया गया कि बैरकपुर से टिकट दिया जाएगा, लेकिन टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें आज आखिरी वक्त में बताया गया कि उन्हें टिकट नहीं मिल रहा है। अर्जुन सिंह का कहना है कि वह कोई मौसमी फल नहीं है। हमेशा राजनीति में रहे हैं।
BJP की टिकट पर बने सांसद फिर क्यों छोड़ा था कमल का साथ
दरअसल अर्जुन सिंह जिस क्षेत्र की नुमाइंदगी करते हैं वो जूट मिल का गढ़ कहा जाता है। अर्जुन सिंह जूट किसानों की मांग को लेकर केंद्र सरकार से लगातार माँग कर रहे थे जिसे नेतृत्व द्वारा तवज्जो नहीं दिया गया। जिसके बाद उन्होंने वापस टीएमसी का दामन थाम लिया। टीएमसी ने अर्जुन सिंह से टिकट का वादा किया था लेकिन आज उनका नाम प्रत्याशियों की सूची में नहीं था।
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अर्जुन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर ममता बनर्जी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मुझे टिकट देने का वादा किया गया था। टिकट न देकर वादा ख़िलाफ़ी की गई है। उनके समर्थक जगह जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा में वापसी के सवाल पर उन्होंने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया।