द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बीजेपी ने अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। पार्टी ने हर इलाके में कम से कम तीन बार पहुंचने की रणनीति बनाई है। साथ ही, कांग्रेस की ओर से लगाए गए वोट चोरी और मतदाता लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों का जवाब देने के लिए भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
बीजेपी कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे लोगों को समझाएं कि राज्य में चुनाव आयोग केवल घुसपैठियों को मतदाता सूची से हटाने का काम कर रहा है और इसका आम नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है।
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी का जवाब
बीजेपी नेताओं ने कार्यकर्ताओं को साफ निर्देश दिए हैं कि जहां भी मतदाता लिस्ट में गड़बड़ी या वोट चोरी की चर्चा हो, वहां लोगों को बताया जाए कि यह कार्रवाई केवल घुसपैठ रोकने के लिए है। पार्टी का दावा है कि बिहार में कई जगहों पर घुसपैठियों की वजह से जनसंख्या संतुलन बिगड़ा है और अब उन्हें मतदाता सूची से बाहर निकालने का काम हो रहा है। इसके जरिए बीजेपी न केवल कांग्रेस के आरोपों का काउंटर करना चाहती है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकता के मुद्दे को भी चुनावी बहस का हिस्सा बना रही है।
बीजेपी की बूथ स्तर की सक्रियता
बीजेपी ने अपनी चुनावी रणनीति में बूथ स्तर को सबसे अहम कड़ी माना है। पार्टी ने निर्देश दिया है कि कार्यकर्ता डोर टू डोर कैंपेन और बाइक रैली के जरिए लोगों से जुड़ें। यह तय किया गया है कि चुनाव से पहले हर इलाके में कम से कम तीन बार बीजेपी की उपस्थिति दर्ज होनी चाहिए। कार्यकर्ताओं को कहा गया है कि वे मतदाताओं से जाकर पूछें कि उन्हें वोटर लिस्ट को लेकर कोई समस्या तो नहीं है। इससे न केवल लोगों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि कांग्रेस के आरोपों का भी प्रभावी जवाब दिया जा सकेगा।
एनडीए सरकार के काम पर फोकस
बीजेपी की रणनीति का एक बड़ा हिस्सा एनडीए सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाना है। बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि वे केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों की लिस्ट तैयार करें और उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलें। इन लाभार्थियों को डोर टू डोर कैंपेन में शामिल करने की योजना भी बनाई गई है ताकि जनता के बीच सीधा संदेश जाए कि सरकार ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा भी किया गया है।
बिहार चुनाव में बीजेपी का लक्ष्य
बीजेपी का लक्ष्य स्पष्ट है, हर सीट पर एनडीए की जीत सुनिश्चित करना। इसके लिए पार्टी लगातार कोर कमिटी और जिला स्तर की बैठकों के जरिए रणनीति पर काम कर रही है। सीनियर नेताओं की मौजूदगी में हुई बैठकों में कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे केवल प्रचार तक सीमित न रहें, बल्कि हर मतदाता तक पहुंचें और उन्हें विश्वास दिलाएं कि एनडीए सरकार उनके लिए काम कर रही है।