द लोकतंत्र/ पटना : Bihar Election 2025 के मद्देनज़र एआईएमआईएम और महागठबंधन के बीच सीटों को लेकर जारी खींचतान सोमवार (06 अक्टूबर, 2025) को एक बार फिर सार्वजनिक रूप से सामने आई। एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दरभंगा में आयोजित रैली में तेजस्वी यादव और आरजेडी पर जमकर हमला बोला और साफ किया कि उनकी पार्टी महागठबंधन में शामिल होकर चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन आरजेडी की ओर से अभी तक कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है।
AIMIM प्रमुख ने तेजस्वी यादव और आरजेडी नेतृत्व पर भी निशाना साधा
ओवैसी ने कहा कि महागठबंधन में शामिल होने के लिए उनकी पार्टी ने स्पष्ट मांग रखी थी। उन्होंने बताया कि तेजस्वी यादव के पिता को पत्र भेजने की बात कही गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने ढोल बजाकर घर-घर जाकर पत्र सौंपा और इसमें लिखकर कहा कि उनकी पार्टी को छह सीटें दी जाएं। ओवैसी ने जोर देकर कहा कि उनके और अख्तरुल ईमान के लिए कोई व्यक्तिगत लाभ की इच्छा नहीं है। उनका मकसद केवल बिहार में बीजेपी और नीतीश कुमार की सरकार को रोकना है।
एआईएमआईएम प्रमुख ने तेजस्वी यादव और आरजेडी नेतृत्व पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, हम में और उनमें एक ही फर्क है हम अपनी मांगें स्पष्ट रूप से रख रहे हैं, लेकिन वे बात करने के लिए तैयार नहीं हैं। बिहार की जनता को यह समझना चाहिए कि कौन मोदी-नीतीश की सरकार दोबारा बनाने से रोकना चाहता है और कौन इसके लिए सहयोग कर रहा है। ओवैसी ने चेतावनी दी कि अगर महागठबंधन बिहार में बीजेपी को रोकना चाहता है, तो उसे एआईएमआईएम और अख्तरुल ईमान का हाथ पकड़ना होगा।
संकीर्ण सोच महागठबंधन के लिए नुकसानदेह
ओवैसी ने रैली में यह भी कहा कि एआईएमआईएम मुख्यमंत्री पद या किसी मंत्री पद की लालसा नहीं रखती। उनका फोकस केवल यह सुनिश्चित करना है कि बिहार में राजनीतिक समीकरण बदलें और बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की सत्ता को चुनौती दी जा सके। उन्होंने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि उनका गुरुर और संकीर्ण सोच महागठबंधन के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।
इस बयान के बाद साफ है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन और एआईएमआईएम के बीच सीटों का बंटवारा एक बड़ा मुद्दा बन गया है। एआईएमआईएम की छह सीटों की मांग और आरजेडी के असहयोग ने गठबंधन के भीतर राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यह मसला समय पर सुलझ नहीं पाया, तो महागठबंधन के लिए बिहार में मुकाबला और चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में दो चरणों में मतदान होगा। पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। ऐसे में महागठबंधन और एआईएमआईएम के बीच सीटों की लड़ाई आगामी चुनावी रणनीतियों को सीधे प्रभावित करेगी और जनता के सामने गठबंधन की स्थिरता का परीक्षण भी आएगा।