द लोकतंत्र/ लखनऊ : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Elections 2025) के पहले चरण के तहत 121 सीटों पर मतदान जारी है। सुबह से पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी जा रही हैं और चुनावी माहौल बेहद गर्म है। निर्वाचन आयोग के अनुसार पहले चार घंटों में 27.65% से अधिक मतदान दर्ज किया गया है। वहीं इस बीच समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह के बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर आईपी सिंह ने पोस्ट करते हुए दावा किया कि बिहार में महागठबंधन की स्थिति मजबूत है और बीजेपी नेतृत्व वाला एनडीए पिछड़ रहा है। उन्होंने लिखा, लालटेन जल रही है, कमल मुरझा रहा है, चिराग बुझ रहा है और तीर आसमान में चल रहा है। उनके इस बयान को सीधे तौर पर आरजेडी को बढ़त देने और बीजेपी व उसके सहयोगियों पर निशाना साधने के रूप में देखा जा रहा है।
चुनावी प्रतीकों पर सियासी तंज
आईपी सिंह की टिप्पणी में ‘लालटेन’ से आरजेडी, ‘कमल’ से बीजेपी, ‘चिराग’ से एलजेपी (रामविलास) और ‘तीर’ से जेडीयू का संदर्भ है। उनके अनुसार, इस चुनाव में महागठबंधन का मुख्य चेहरा आरजेडी बढ़त बनाते दिख रही है जबकि एनडीए के दल दबाव में हैं। हालांकि, मतदान के शुरुआती रुझान केवल उत्साह का संकेत होते हैं और अंतिम तस्वीर 3 दिसंबर को परिणाम आने पर सामने आएगी।
दरअसल, इंडिया गठबंधन भी इस चुनाव पर पूरा फोकस कर रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव, डिंपल यादव और युवा नेता इकरा हसन सहित कई प्रमुख चेहरे बिहार में सक्रिय रूप से प्रचार कर चुके हैं। दूसरी ओर, एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य बड़े नेता लगातार चुनावी अभियान चलाते रहे हैं। दोनों गठबंधन मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने के लिए पूरी ताकत झोंक चुके हैं।
कई हाई–प्रोफाइल सीटों पर कड़ा मुकाबला
पहले चरण में कई सीटें राजनीतिक लिहाज़ से बेहद महत्वपूर्ण हैं। मोकामा सीट पर मुकाबला खासा दिलचस्प माना जा रहा है, जहां एक तरफ बाहुबली नेता अनंत सिंह का प्रभाव है, वहीं उनके खिलाफ सूरजभान सिंह की पत्नी मैदान में हैं। अनंत सिंह फिलहाल दुलारचंद हत्या मामले में जेल में हैं, लेकिन उनकी तरफ से चुनाव लड़ाई गर्म है।
वोटिंग सुबह से ही शुरू हो गई और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी देखी गई। बेगूसराय में सबसे अधिक मतदान दर्ज हुआ, जबकि पटना में शुरुआत में अपेक्षाकृत कम वोटिंग देखी गई। ग्रामीण इलाकों में मतदाता सुबह से ही लाइन में खड़े नजर आए, जबकि शहरी इलाकों में मतदान की गति थोड़ी धीमी रही।
सियासत तेज, नज़रे नतीजों पर
पहले चरण की वोटिंग का राजनीतिक असर पूरे बिहार में पड़ेगा। अभी जहां विपक्षी नेता जीत का दावा कर रहे हैं, वहीं एनडीए विश्वास जता रहा है कि जनता विकास और स्थिरता के नाम पर उनके साथ है। ओपिनियन पोल्स में एनडीए को बढ़त बताई जा रही थी, लेकिन जमीन पर तस्वीर कुछ और भी हो सकती है।
आज का मतदान साबित करेगा कि बिहार की जनता जातीय समीकरणों, विकास वादों और लोकल मुद्दों में किसे तरजीह देती है। चुनावी जंग अभी लंबी है और आने वाले चरणों में मुकाबला और तेज होगा। फिलहाल सियासी समीकरणों और सोशल मीडिया वार–पलटवार ने चुनावी मौसम को और भी गरमा दिया है।

