द लोकतंत्र/ पटना : बिहार चुनाव 2025 को लेकर महागठबंधन (INDIA Bloc) में सीट बंटवारे का इंतज़ार आखिरकार खत्म हो गया है। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में दो दिनों तक चली बैठकों के बाद सीट शेयरिंग फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। इस दौरान रविवार रात कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के बीच अहम बैठक हुई।
इसके बाद सोमवार को दूसरी बैठक छत्तीसगढ़ की राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम के आवास पर हुई, जिसमें राजद की ओर से तेजस्वी यादव, सांसद संजय यादव और मनोज झा शामिल हुए, जबकि कांग्रेस की ओर से संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम मौजूद रहे।
मंगलवार शाम तक महागठबंधन के सीटों का औपचारिक ऐलान
बैठक के बाद तय हुआ कि तेजस्वी यादव मंगलवार शाम तक महागठबंधन के अन्य घटक दलों के नेताओं के साथ पटना में बैठक कर सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा करेंगे। सूत्रों का कहना है कि सभी दलों के बीच सीटों को लेकर सहमति बन चुकी है, बस सार्वजनिक ऐलान बाकी है। उम्मीदवारों के नामों पर भी लगभग अंतिम चर्चा हो चुकी है।
मुकेश सहनी को राजद से 18 सीटों का ऑफर
इस बीच महागठबंधन के भीतर सबसे दिलचस्प समीकरण वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को लेकर सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, राजद ने वीआईपी को 18 सीटें ऑफर की हैं, लेकिन उनमें से केवल 8 सीटों पर ही मुकेश सहनी अपने उम्मीदवार उतार पाएंगे। बाकी 10 सीटों पर आरजेडी के उम्मीदवार वीआईपी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे।
राजद ने साफ संकेत दे दिया है कि अगर सहनी गठबंधन में बने रहना चाहते हैं, तो उन्हें इसी शर्त पर चुनाव लड़ना होगा। बताया जा रहा है कि इस तकनीकी समझौते को लेकर वीआईपी खेमे में नाराज़गी है, क्योंकि पार्टी को नाममात्र का स्पेस मिला है।
क्या है सीट शेयरिंग का फार्मूला?
सूत्रों के अनुसार, राजद की ओर से सीट शेयरिंग फॉर्मूले में पार्टी को 134 सीटें, कांग्रेस को 54, वीआईपी को 18 (तकनीकी रूप से 8), सीपीआई(एमएल) को 22, सीपीआई को 4, सीपीएम को 6, झारखंड मुक्ति मोर्चा को 2, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को 3, और इंडियन इंक्लूसिव पार्टी को 2 सीटें दी गई हैं।
सोमवार देर रात तेजस्वी यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की और इसके बाद अपने परिवार के साथ पटना के लिए रवाना हो गए। पटना पहुंचने के बाद वे अपने आवास पर पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे और मंगलवार शाम तक महागठबंधन के अन्य घटक दलों के साथ मिलकर सीट शेयरिंग की औपचारिक घोषणा करेंगे।
महागठबंधन में कोई मतभेद नहीं है, सब कुछ लगभग तय
उधर, कांग्रेस की तरफ से संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम भी सीटों के अंतिम फॉर्मूले पर सहमति जताने के बाद उम्मीदवारों की सूची तैयार कर रहे हैं। कृष्णा अल्लावरू ने कहा, हमारी प्राथमिकता बिहार की जनता को एक मजबूत और संवेदनशील सरकार देना है। गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है, सब कुछ लगभग तय हो चुका है।
वहीं, महागठबंधन के अन्य दलों में असंतोष भी उभरने लगा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने चेतावनी दी है कि अगर सीटों में न्याय नहीं हुआ तो वह 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा। इसी तरह, पशुपति कुमार पारस की पार्टी रालोजपा ने भी महागठबंधन से अलग होने और ओवैसी की एआईएमआईएम तथा चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी से गठबंधन की संभावना जताई है।
सीट शेयरिंग से पहले ही मिल रहे सिम्बल
लेफ्ट पार्टियों ने इस बीच कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है। घोसी से रामबली यादव, तरारी से मदन सिंह चंद्रवंशी, दीघा से दिव्या गौतम, अगिआंव से शिव प्रकाश रंजन, और आरा से क्यामुद्दीन अंसारी को उम्मीदवार बनाया गया है।
राजद के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि महागठबंधन में कोई पेंच नहीं है, जल्द ही सीटों और उम्मीदवारों की घोषणा हो जाएगी। इस तरह, जबकि औपचारिक घोषणा मंगलवार को होने की उम्मीद है, मुकेश सहनी के लिए 18 सीटों के ऑफर के बावजूद ‘8 सीटों की सच्चाई’ महागठबंधन में नई राजनीतिक खींचतान का कारण बन सकती है।

