द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने इस बार राजनीति के सभी समीकरण उलट-पलट कर दिए हैं। एनडीए गठबंधन ने राज्य में ऐतिहासिक विजय हासिल कर ली है और शुरुआती रुझानों से ही तस्वीर साफ हो गई कि बीजेपी-जेडीयू गठबंधन दबदबे के साथ सत्ता में लौट रहा है।
इसके विपरीत, मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी का प्रदर्शन बीते 15 वर्षों में सबसे कमजोर रहा है। लेकिन इस करारी हार के बीच आरजेडी के लिए एकमात्र राहत यह है कि उसका वोट शेयर अभी भी एनडीए के दोनों प्रमुख दलों से अधिक रहा है, जो भविष्य की राजनीति के लिए पार्टी को उम्मीद का सहारा देता है।
आरजेडी को मिला अधिक वोट शेयर, लेकिन सीटों में बड़ी गिरावट
243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में आरजेडी ने इस बार 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। शुरुआती और मध्य रुझानों में पार्टी को कुल 22.84% वोट हासिल होते दिखे, जो बीजेपी से 1.86% और जेडीयू से करीब 3.97% ज्यादा हैं। बावजूद इसके, सीटों के मामले में पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा और आरजेडी महज 25 सीटों पर सिमटती नज़र आ रही है।
2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी 74 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, जबकि बीजेपी को 75 और जेडीयू को 43 सीटें मिली थीं। इस बार के गिरते जनादेश ने साफ कर दिया है कि बिहार की राजनीति में हवा पूरी तरह एनडीए की ओर बह चुकी है।
तेजस्वी यादव भी राघोपुर से पीछे, महागठबंधन में भारी निराशा
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि आरजेडी नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा तेजस्वी यादव अपनी पारंपरिक सीट राघोपुर से पीछे चल रहे हैं। यह नतीजा महागठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि 2020 में तेजस्वी यादव ने यहीं से बड़ी जीत दर्ज की थी।
महागठबंधन के साझेदार भी इस बार कोई विशेष प्रदर्शन नहीं कर पाए। वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी, जिन्हें महागठबंधन ने डिप्टी सीएम फेस के रूप में पेश किया था, उनकी पार्टी एक भी सीट पर बढ़त नहीं बना सकी। कांग्रेस केवल एक सीट पर आगे है, जबकि वाम दल तीन सीटों पर बढ़त बनाए रखे हुए हैं। यह संकेत देता है कि विपक्षी गठबंधन का पूरा वोट बैंक बिखर चुका है।
एनडीए में बीजेपी-जेडीयू की मजबूत पकड़, अन्य दलों को भी फायदा
वहीं सत्ता पक्ष में बीजेपी और जेडीयू दोनों ही शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। रुझानों के मुताबिक बीजेपी 95 सीटों पर और जेडीयू 84 सीटों पर आगे चल रही है। एलजेपी (रामविलास) 19 सीटों पर, जबकि जीतन राम मांझी की हम (HAM) पार्टी 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकमत पार्टी भी चार सीटों पर आगे है। यह नतीजे साफ संकेत देते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अपील ने इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाई है। गांवों से शहरों तक एनडीए के पक्ष में बड़ा जनसमर्थन दिखा है।
बिहार चुनाव 2025 ने राजनीतिक पटल पर कई नए संदेश दिए हैं एनडीए का मजबूत जनाधार, आरजेडी का कमजोर होता संगठनात्मक प्रभाव और विपक्ष के वोट बैंक का भारी बिखराव। आने वाले दिनों में ये नतीजे बिहार की राजनीति को नए सिरे से परिभाषित करने वाले साबित होंगे।

