द लोकतंत्र : बिहार (Bihar) के सीएम नितीश कुमार आजकल सुर्ख़ियों में है। हर जुबान पर सीएम नितीश का ही नाम है। सीएम नीतीश की वजह से बिहार में बीते हफ्ते से बदल चुकी राजनीतिक परिस्थितियों से 2024 का लोकसभा चुनाव अब अपने दिलचस्प मोड़ पर है। इंडि अलायंस के सूत्रधार नीतीश कुमार ने पाला बदल लिया है। सीएम नीतीश ने जातिगत जनगणना पर राहुल गाँधी के दावे को ख़ारिज करते हुए उलटे राहुल को ही लपेट लिया।
Bihar में न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना का क्रेडिट लिया
दरअसल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने न्याय यात्रा के दौरान बिहार में कहा था कि, हमने और आरजेडी ने नीतीश कुमार पर दबाव डालकर ये काम (जाति आधारित सर्वे) करवाया। अब क्या हुआ, दूसरे साइड से प्रेशर आया। दबाव में नीतीश कुमार बदल गए।
राहुल के बयान को लेकर जब मीडिया कर्मियों ने सीएम नीतीश से उनका पक्ष पूछा तो उन्होंने कहा – इससे बढ़कर कोई फालतू चीज है? जातीय गणना की शुरुआत कब हुई थी? 9 पार्टियों को हमने बुलवाया था। 2019 और 2020 में विधानसभा और विधान परिषद में सब जगह हम यह बात कहते थे। 2021 में प्रधानमंत्री से भी मिलने गए थे। उनको भी कहा था तो उस समय उनलोगों ने कहा था कि अभी तो कुछ नहीं करेंगे। कोई अपना क्रेडिट झूठ का लेते रहता है, छोड़िए ये सब।
यह भी पढ़ें : देवरिया का यह सॉफ्टवेयर इंजीनियर है प्रकृति प्रेमी, पर्यावरण संरक्षण हेतु शुरू की अनोखी मुहीम
बैकग्राउंड :
सीएम नीतीश कुमार ने गठबंधन बदल लिया है। इससे पहले उन्होंने भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एक साथ लाने में अपनी सक्रीय भूमिका निभाई थी। इंडि अलायंस के गठन की नींव नीतीश ने ही रखी थी। अब वह उससे अलग होकर पुनः भाजपा के साथ आ गए हैं। उनके इस कदम के बाद विपक्ष सीएम नीतीश कुमार को निशाने पर ले रहा है। राहुल गाँधी ने भरे मंच से सीएम नीतीश की इस हरकत पर मज़ाक भी उड़ाया था।