द लोकतंत्र: बिहार (Bihar) की राजनीति रविवार को पटना में उस समय गरमा गई जब इंडिया ब्लॉक की वोट अधिकार यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंची। इस यात्रा का समापन गांधी मैदान से अंबेडकर पार्क तक होने वाली रैली से किया जा रहा है। इस दौरान कांग्रेस, आरजेडी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, सीपीआई, सीपीआई-एमएल और एनसीपी समेत विपक्षी दलों के बड़े नेता एक मंच पर नजर आए।
पुलिस ने लगाया बैरिकेड्स
पटना पुलिस ने यात्रा को डाक बंगला चौराहे पर रोक दिया और वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। इसके बाद विपक्षी नेताओं ने यहीं पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करना शुरू कर दिया।
नेताओं के तीखे बयान
यात्रा के दौरान विपक्षी नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला।
हेमंत सोरेन (झारखंड के मुख्यमंत्री) ने कहा, “ये वोट किसी पार्टी का नहीं, बल्कि देश का वोट है। इससे संविधान बचता है। 2014 के बाद से देश को जिस तरह नुकसान पहुंचाया गया है, अगर आज नहीं चेते तो फिर कभी मौका नहीं मिलेगा।”
दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआई-एमएल) ने मंच से नारा दिया, “वोट चोर, गद्दी छोड़” और कहा कि एनडीए और नीतीश कुमार घबराए हुए हैं।
एनी राजा (सीपीआई) ने कहा कि वोट हमारा अधिकार है और ये अधिकार हमें संविधान ने दिया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया।
16 दिनों की लंबी यात्रा
यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई थी और 1300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर 25 जिलों से होकर पटना पहुंची। इसमें सासाराम, गया, नवादा, नालंदा, भागलपुर, पूर्णिया, मधुबनी और चंपारण जैसे जिले शामिल रहे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन के खिलाफ लोगों को जागरूक करना था।
विपक्षी नेताओं का जमावड़ा
पटना में हुए इस समापन कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, सुप्रिया सुले, डी. राजा और दीपंकर भट्टाचार्य जैसे बड़े नेता शामिल हुए। एयरपोर्ट से लेकर गांधी मैदान तक इन नेताओं का कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
पटना की यह रैली विपक्षी दलों के लिए एकजुटता का बड़ा प्रदर्शन साबित हुई। नेताओं ने साफ संदेश दिया कि वे संविधान और मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी कीमत पर संघर्ष करेंगे। आने वाले चुनावों में इस यात्रा का कितना असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।