द लोकतंत्र : कांग्रेस से इस्तीफ़ा देकर गौरव वल्लभ ने आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है। गौरव वल्लभ कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता के रूप में टीवी बहस के जरिए लोकप्रिय हुए थे। उनके वाक् कौशल ने उन्हें बेहद कम समय में शोहरत के शिखर पर पहुँचा दिया था। लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस पार्टी का दामन छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गये। गौरव वल्लभ अर्थशास्त्र में मजबूत पकड़ रखते हैं। वे इसी विषय के प्रोफ़ेसर हैं।
कांग्रेस से इस्तीफ़ा देते हुए कहा था – मैं सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता हूं
इसके पहले गौरव वल्लभ ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर अपने इस्तीफ़े की कॉपी पोस्ट की थी और आरोप लगाया था कि कांग्रेस दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है। उन्होंने यह भी कहा था कि, उसमें मैं खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा। मैं न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और न ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता। इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
इस्तीफ़े में राम मंदिर का ज़िक्र
अपने इस्तीफ़े में गौरव ने यह भी लिखा था कि, अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस पार्टी के स्टैंड से मैं क्षुब्ध हूं। मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं। पार्टी के इस स्टैंड ने मुझे हमेशा असहज किया, परेशान किया। पार्टी व गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के विरोध में बोलते हैं और पार्टी का उस पर चुप रहना, उसे मौन स्वीकृति देने जैसा है।
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उन्होंने कहा कि इन दिनों पार्टी गलत दिशा में आगे बढ़ रही है। एक ओर हम जाति आधारित जनगणना की बात करते हैं, दूसरी ओर संपूर्ण हिंदू समाज के विरोधी नजर आ रहे हैं। यह कार्यशैली जनता के बीच पार्टी को एक खास धर्म विशेष के ही हिमायती होने का भ्रामक संदेश दे रही है। यह कांग्रेस के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है।