द लोकतंत्र : लोकसभा चुनाव को लेकर जहां सभी दल टिकटों को लेकर मंथन कर रहे हैं, कई दौर में बैठकें हो रही हैं, सियासी समीकरण साधे जा रहे हैं, जोड़ तोड़ हो रहा है वहीं बसपा (BSP) ने अकेले लड़ने की घोषणा के बावजूद प्रत्याशियों के चयन और सभी 80 सीटों पर प्रत्याशी उतारने में हड़बड़ी नहीं दिखा रही। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनज़र बसपा की उदासीनता हैरान कर रही थी। हालाँकि अब बसपा ने बता दिया है कि वह भी गेम में बनी हुई है।
मुरादाबाद से उतारा पहला प्रत्याशी
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने अपना पहला प्रत्याशी घोषित कर दिया है। बीएसपी ने उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया है। मो. इरफान सैफी जो मौजूदा समय में नगर पालिका ठाकुरद्वारा के चैयरमैन हैं; वह मुरादाबाद से बसपा के प्रत्याशी होंगे। बीएसपी पश्चिमी यूपी के प्रभारी शमसुद्दीन राइनी ने इरफान सैफी के नाम का एलान किया है।
मुरादाबाद सीट पर बसपा को अभी तक जीत नहीं मिली है। पिछले लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन में यह सीट डॉ एसटी हसन जो समाजवादी पार्टी के सांसद हैं उन्होंने जीती थी। वहीं, मुरादाबाद से बसपा प्रत्याशी बनाए जाने पर इरफान सैफी ने कहा कि भाईचारा का मुद्दा यहां पर लेकर हम उतरे हैं, सभी समाज के वर्ग को हम साथ लेकर चलेंगे।
सपा-कांग्रेस का खेल बिगाड़ेगी बसपा
बसपा ने लोकसभा चुनाव को लेकर अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन सियासी जानकारों का मानना है कि बसपा ऐन मौक़े पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर सकती है। बसपा का जनाधार लगातार गिरता जा रहा है ऐसे में मायावती सीधे तौर पर सपा-कांग्रेस का खेल बिगाड़ेंगी। बसपा इस लोकसभा चुनाव में वोट कटवा की भूमिका में रहेगी जिससे नुक़सान सीधे तौर पर INDI गठबंधन के प्रत्याशियों का होगा।
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सिर्फ़ मुरादाबाद सीट की बात करें तो इस लोकसभा क्षेत्र में 42 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। जबकि 18 प्रतिशत दलित समाज के वोटर्स हैं। ऐसे में बसपा का प्रत्याशी गठबंधन के प्रत्याशी को डैमेज करेगा जिसका फ़ायदा सीधे तौर पर भाजपा को मिलेगा।