द लोकतंत्र/ लखनऊ : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जहां एक तरफ एनडीए रिकॉर्ड बहुमत के साथ सत्ता में लौटा, वहीं बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी कैमूर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर ऐतिहासिक जीत दर्ज कर चर्चा बटोर ली है। BSP उम्मीदवार सतीश कुमार सिंह यादव की इस जीत ने पार्टी सुप्रीमो मायावती को खासा उत्साहित कर दिया है। मायावती ने जीत के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और बिहार की जनता का आभार जताते हुए चुनाव प्रक्रिया पर कई गंभीर सवाल भी उठाए।
स्थानीय प्रशासन ने हर संभव कोशिश की कि BSP उम्मीदवार को हराया जाए
मायावती ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से एक विस्तृत पोस्ट जारी करते हुए कहा कि रामगढ़ सीट पर मिली जीत बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि कथित तौर पर विरोधी पार्टियों और स्थानीय प्रशासन ने हर संभव कोशिश की कि BSP उम्मीदवार को हराया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि वोटों की गिनती बार-बार करवाने की कोशिशें हुईं, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं की मजबूती और सतर्कता ने सारे प्रयास नाकाम कर दिए।
अपने पोस्ट में मायावती ने लिखा कि रामगढ़ सीट पर BSP उम्मीदवार की जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कथित ‘प्रशासनिक दबाव’ और ‘विरोधियों की एकजुट रणनीति’ के बावजूद जनता ने बदलाव और बेहतर प्रतिनिधित्व पर भरोसा जताया। उन्होंने बताया कि जब तक पार्टी कार्यकर्ताओं ने मजबूती से डटकर मुकाबला न किया होता, यह जीत संभव नहीं थी।
अगर चुनाव पूरी तरह से फ्री एंड फेयर होता तो…
इसके साथ ही मायावती ने यह दावा भी किया कि अगर चुनाव पूरी तरह से फ्री एंड फेयर होता, तो BSP केवल एक सीट तक सीमित नहीं रहती, बल्कि कई अन्य सीटों पर भी जीत दर्ज कर सकती थी। उन्होंने कहा कि फीडबैक के मुताबिक BSP उम्मीदवारों ने कई क्षेत्रों में विरोधियों को कड़ी टक्कर दी, लेकिन चुनावी माहौल उनके अनुसार निष्पक्ष नहीं था।
मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से अपील की कि वे निराश न हों, बल्कि और ज्यादा तैयारी, मजबूती और रणनीति के साथ आने वाले चुनावों के लिए जमीन पर काम करें। उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और कांशीराम के मिशन को आगे बढ़ाने की बात दोहराते हुए कहा कि BSP का लक्ष्य बिहार को ‘सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय’ की दिशा में ले जाना है।
उधर, बिहार में बड़े स्तर पर एनडीए ने जीत दर्ज की है। 243 सीटों में से एनडीए को 202 सीटें मिलीं यानी स्पष्ट और प्रचंड जनादेश। महागठबंधन को इस बार उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं मिला और ज्यादातर सीटों पर उसे निराशा का सामना करना पड़ा। ऐसे माहौल में BSP का रामगढ़ से खाता खोलना पार्टी के लिए एक मजबूत मनोबल बढ़ाने वाला क्षण माना जा रहा है।

