द लोकतंत्र : सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत के जज की ओर से अधिकतम सजा देने का कोई ठोस कारण नहीं बताया गया है। अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।
राहुल गांधी ने कहा चाहे कुछ भी हो मेरा कर्तव्य वही रहेगा
सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिलने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, चाहे कुछ भी हो, मेरा कर्तव्य वही रहेगा। भारत के विचार की रक्षा करना।
बता दें, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बीती 23 मार्च को गुजरात के सूरत की कोर्ट ने मोदी सरनेम केस में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ।
वहीं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने ट्वीट कर लिखा, सत्यमेव जयते माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी जी की सजा पर रोक का फैसला करके लोकतंत्र की आवाज़ को मजबूत किया है। INDIA की आवाज़ अब फिर संसद में गूंजेगी। जनता के अधिकारों की आवाज़ को मजबूत करने के लिए माननीय न्यायालय का आभार।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनकी सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात कर राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया है। कांग्रेस ने मांग की है कि राहुल गांधी की सदस्यता जल्द से जल्द बहाल की जाए।
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मोदी सरनेम पर की गई टिप्पणी को लेकर बीजेपी नेता पूर्णश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस किया था। राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक में एक चुनावी रैली में कहा था कि सभी चोरों का एक ही सरनेम मोदी कैसे हो सकता है। सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता चली गई थी।