द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : संसद की गरिमा और आचरण को लेकर एक बार फिर सियासी घमासान छिड़ गया है। तृणमूल कांग्रेस TMC सांसद कीर्ति आजाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह लोकसभा के अंदर बैठे हुए ई-सिगरेट (वेपिंग) करते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला बोला है और इसे संसद की मर्यादा का उल्लंघन बताया है।
BJP IT सेल का हमला, ममता बनर्जी से मांगी सफाई
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर करते हुए दावा किया कि जिस टीएमसी सांसद पर बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने संसद के अंदर वेपिंग करने का आरोप लगाया था, वह कोई और नहीं बल्कि कीर्ति आजाद ही हैं।
मालवीय ने लिखा कि ऐसे लोगों के लिए नियम और कानून का कोई महत्व नहीं है। सदन के अंदर हथेली में ई-सिगरेट छिपाकर इस्तेमाल करना गंभीर मामला है।” उन्होंने आगे कहा कि भले ही धूम्रपान निजी तौर पर अपराध न हो, लेकिन संसद के भीतर इसका इस्तेमाल पूरी तरह अस्वीकार्य है। मालवीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस मुद्दे पर जवाब देने की मांग भी की।
वीडियो में क्या दिख रहा है?
वायरल वीडियो में कीर्ति आजाद लोकसभा के अंदर अपनी सीट पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। वह अपने दाहिने हाथ को मुंह के पास ले जाते हैं और करीब पांच सेकंड तक उसी मुद्रा में रखते हैं, जिससे धूम्रपान या वेपिंग का संकेत मिलता है। हालांकि, वीडियो क्लिप में न तो सिगरेट साफ तौर पर दिखाई देती है, न ई-सिगरेट और न ही धुआं नजर आता है। बावजूद इसके, बीजेपी इसे नियम उल्लंघन मानते हुए आक्रामक रुख अपनाए हुए है।
BJP प्रवक्ताओं का तीखा बयान
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भी वीडियो साझा करते हुए इसे “लोकतंत्र के मंदिर का अपमान” करार दिया। उन्होंने कहा कि संसद के भीतर इस तरह का आचरण अपराध की श्रेणी में आता है और TMC नेतृत्व को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके सांसद देश के सामने किस तरह का उदाहरण पेश कर रहे हैं।
यह विवाद अचानक नहीं उठा है। कुछ दिन पहले ही बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में एक टीएमसी सांसद पर ई-सिगरेट पीने का आरोप लगाया था। उन्होंने स्पीकर से सवाल किया था कि जब देश में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध है, तो क्या सदन के भीतर इसकी अनुमति दी गई है। ठाकुर ने दावा किया था कि एक टीएमसी सांसद लगातार कई दिनों से लोकसभा में ई-सिगरेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
कीर्ति आजाद का पलटवार
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कीर्ति आजाद ने पहले कहा था कि वह कई सांसदों के नाम गिना सकते हैं जो संसद परिसर में धूम्रपान करते हैं, लेकिन वह इस स्तर तक नहीं गिरना चाहते। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा था कि बिना सबूत के आरोप लगाना गलत है और किसी भी आरोप को सदन की तय प्रक्रिया के तहत ही उठाया जाना चाहिए।
TMC के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने भी बीजेपी के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि संसद के अंदर धूम्रपान निषिद्ध है, लेकिन खुले परिसरों में इस पर कोई स्पष्ट रोक नहीं है। साथ ही उन्होंने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को ऐसे मुद्दों के बजाय दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण जैसी गंभीर समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।
पहले भी हो चुका है विवाद
संसद में धूम्रपान को लेकर यह पहला विवाद नहीं है। वर्ष 2015 में जब संसद परिसर में धूम्रपान पर सख्त बैन लगाया गया था, तब भी बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हुआ था। उस समय स्मोकिंग रूम को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई थी और मामला तत्कालीन लोकसभा स्पीकर तक पहुंचा था।
फिलहाल, कीर्ति आजाद के कथित वेपिंग वीडियो ने संसद की गरिमा, नियमों के पालन और राजनीतिक शिष्टाचार पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। यह मामला आगे किस दिशा में जाता है और क्या इस पर कोई औपचारिक कार्रवाई होती है, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

