द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी द्वारा लगाए गए ‘वोट चोरी’ (Vote Theft Allegations) के गंभीर आरोपों को शुक्रवार को सिरे से खारिज कर दिया। आयोग ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट कहा कि वह निष्पक्षता और पारदर्शिता (Free and Fair Elections) के सिद्धांतों से किसी भी स्थिति में समझौता नहीं करता। आयोग ने चुनाव अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि वे गैर-जिम्मेदाराना आरोपों और धमकियों को नजरअंदाज करते हुए अपने कार्यों को निष्पक्ष रूप से जारी रखें।
राहुल गांधी का आरोप: चुनाव आयोग मतदाता घोटाले में शामिल
राहुल गांधी ने संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए चुनाव आयोग पर बेहद गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि वोट चोरी (Electoral Fraud) में चुनाव आयोग सीधे तौर पर शामिल है। मैं यह बात हल्के में नहीं कह रहा, बल्कि पूरी जांच और प्रमाण के आधार पर कह रहा हूं।
कांग्रेस सांसद ने बिहार एसआईआर (Bihar SIR Report) का हवाला देते हुए दावा किया कि इस रिपोर्ट से साफ होता है कि भारत में मतदाता सूची (Voter List) में व्यापक हेरफेर की गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि, जो लोग इस प्रक्रिया में ऊपर से नीचे तक शामिल हैं, हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे। लोकतंत्र के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
चुनाव आयोग का जवाब: निराधार आरोप, पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि वह बेबुनियाद आरोपों (Baseless Allegations) को रोज़ सुन रहा है और चुनाव अधिकारियों को ऐसे बयानों से प्रभावित न होने की सलाह दी गई है। आयोग ने कहा, चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष (Transparent and Impartial Voting Process) बनाए रखने के लिए हम पूरी गंभीरता से काम कर रहे हैं। धमकियों और राजनीतिक दबावों के बावजूद हमारे अधिकारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुरक्षित बनाए रखने में जुटे हैं।
राहुल गांधी बोले: जांच में मिले प्रमाण ‘परमाणु बम’ जैसे
राहुल गांधी ने दावा किया कि कांग्रेस ने खुद अपनी जांच शुरू की है क्योंकि चुनाव आयोग किसी भी शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रहा था। उन्होंने बताया कि 2024 के मध्य प्रदेश और लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद ही संदेह गहराने लगा था, जो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद और मजबूत हुआ।
उन्होंने कहा, जब हमने देखा कि अंतिम मतदाता सूची (Final Voter List) में अचानक एक करोड़ से ज़्यादा नए मतदाता जुड़ गए, तब समझ में आया कि कुछ बहुत बड़ा गड़बड़ चल रहा है। राहुल गांधी ने आगे कहा, हमारी जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वे किसी परमाणु बम से कम नहीं हैं। अगर इसे सार्वजनिक किया गया तो चुनाव आयोग के पास कोई बचाव नहीं रहेगा।
विपक्ष की मांग: बिहार एसआईआर की जांच हो
कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) ने बिहार एसआईआर को लोकतंत्र पर हमला (Attack on Democracy) करार दिया है और इस पर तुरंत न्यायिक जांच की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि अगर चुनाव आयोग सच में निष्पक्ष है, तो उसे खुलकर सामने आकर इन आरोपों का जवाब देना चाहिए।