द लोकतंत्र : Elections 2024 राजनीति में सही या ग़लत जैसा कुछ नहीं होता। राजनीति में बस ‘मौक़ा’ होता है जिसे भुनाकर आगे के रास्ते बनाए जाते हैं। NDA की बढ़ती ताक़त और सियासी जनाधार को देखते हुए विपक्ष के हौसले पस्त हो गये हैं। भाजपा लगातार अपना कुनबा बढ़ा रही है और इसके लिए वह विपक्षी दलों में ऐसे विभीषणों को ढूढ़ रही है जो 2024 के रण में ‘राम’ का साथ दें और विपक्षी गठबंधन की लंका लगाने में बीजेपी का सहयोग करें।
भाजपा की सियासी रणनीति अब बेहद स्पष्ट है। विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी भाजपा जहां गांव गलियों में पहुँचकर केन्द्र की जनसरोकारी योजनाओं का प्रसार कर रही है वहीं अयोध्या में रामलला के विराजमान होने के पीछे भाजपा के त्याग, परिश्रम और समर्पण के विषय को भी लोगों के बीच रख रही है। इसके अलावा दूसरे दलों के असंतुष्ट नेताओं को साधने और भाजपा में शामिल कराने की कूटनीति पर भी आगे बढ़ रही है। ऐसी चर्चा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भाजपा का भगवा रंग ओढ़े नज़र आयेंगे।
हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम रह चुके अशोक चव्हाण ने बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके बाद मध्यप्रदेश के सीएम रह चुके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के भी कमल चुनने की चर्चायें चल रही हैं। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी के भी कांग्रेस छोड़ने की चर्चा है। सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, मनीष तिवारी लगातार बीजेपी के संपर्क में हैं। हालाँकि यह पहली बार नहीं है जब भाजपा ऐसी किसी रणनीति पर काम कर रही हो। इसके पहले भी ज्योतिरादित्य सिंधिया, हेमंत बिस्वा सरमा, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह जैसे कई कांग्रेसी दिग्गज भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
विपक्ष बोला – हताशा में पीएम तोड़ रहे पार्टियां
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने पीएम मोदी पर पार्टियों को तोड़ने का भी आरोप लगाया। राउत ने कहा कि बीजेपी को 2024 में 200 सीट भी नहीं मिलने जा रही है इसलिए हताशा में पीएम मोदी दूसरों को तोड़ रहे हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन में कोई हताशा नहीं है। कांग्रेस पार्टी के साथ हमारा रिश्ता 60 साल का है।
इसके साथ ही उन्होंने कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर निशाना साधते हुए कहा, कमलनाथ जैसे लोगों ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस को हराया। 2024 के लोकसभा चुनाव में कमलनाथ की हैसियत क्या है, इस बारे में पता चल जाएगा। कायर और डरपोक लोगों से मिलकर पार्टी नहीं बनती है।
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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलों को ख़ारिज किया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ से उनकी लगातार बात हो रही है। कांग्रेस नेतृत्व से भी उनकी बातचीत हो रही है। उन्होंने दावा किया कि कमलनाथ ऐसे व्यक्ति नहीं हैं। इंदिरा गांधी उन्हें अपना तीसरा पुत्र मानती थीं उन्होंने हमेशा कांग्रेस का साथ दिया है।