द लोकतंत्र : जैसे जैसे लोकसभा चुनाव की तारीख़ें नज़दीक आती जा रही हैं INDI अलायंस में शामिल दलों के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। नेशनल कांफ्रेंस ने ऐलान किया है कि वह कश्मीर में अकेले के दम पर चुनाव लड़ेगी। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि उनकी पार्टी अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मैं एक बात क्लियर कर देना चाहता हूं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अपने बलबुते पर चुनाव लड़ेगी। इसमें कोई दो राय नहीं है।
लोकसभा चुनाव में इंडी अलायंस के साथ नहीं लड़ेगी नेशनल कांफ्रेंस
दरअसल फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लोकसभा चुनाव को लेकर इंडी अलायंस से किनारा कर लिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस का इंडी अलायंस से निकलना विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इसके पहले ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल सरीखे नेता भी सीट शेयरिंग को लेकर तालमेल नहीं बनने से इंडी अलायंस से इतर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि मुझे लगता है कि विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ होंगे।
फारूक अब्दुल्ला के निर्णय पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया क्या है?
वहीं, फारूक अब्दुल्ला के बयान पर कांग्रेस ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि, अलग-अलग पार्टियों की अलग-अलग मजबूरियां होती है। मुझे पूरा विश्वास है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी सभी इंडिया गठबंधन के हिस्से रहे हैं। आगे भी रहेंगे।
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बता दें, इंडी अलायंस के अन्तर्गत शामिल दलों के बीच सीट शेयरिंग के फ़ार्मूले को लेकर काफ़ी मतभेद है। इससे पहले भी सीट बंटवारे को लेकर फारूक अब्दुल्ला अपनी नाराजगी ज़ाहिर कर चुके हैं। उन्होंने पहले ही कहा था कि अगर जल्द आपसी मसले नहीं सुलझाए गए तो कई पार्टियां इधर-ऊधर हो जाएंगी। जम्मू-कश्मीर में इंडी अलायंस में कांग्रेस, महबूबा मुफ्ती की पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और लेफ्ट शामिल है। जम्मू-कश्मीर में लोकसभा की पांच सीटें हैं। तीन सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और दो सीटें पर बीजेपी जीती हुई है।