द लोकतंत्र : कहते हैं कि राजनीति में समय सबसे बलवान होता है। सही समय पर सही निर्णय आपके सियासी भविष्य को सही दिशा देता है। कल तक संजय निषाद के सुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर तल्ख़ थे। वह डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिल रहे थे। दरअसल, एक अलग लेवल की गुटबाज़ी सूबे में चल रही है जिसके दो केंद्र क्रमशः योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य हैं। ऐसे में संजय निषाद का केशव प्रसाद मौर्य से मुलाक़ात के कई मायने निकाले जा रहे थे। हालाँकि, आज निषाद पार्टी प्रमुख ने योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात की। सीएम योगी से संजय निषाद की मुलाक़ात इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि संजय निषाद ने सीएम पर सवाल उठाते हुए कहा था कि – बुलडोज़र चलाओगे तो वोट नहीं मिलेगा।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सहयोगी और निषाद पार्टी के अध्यक्ष एवं योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद अपने ही सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाने को लेकर चर्चा में हैं। अपनी ही सरकार के खिलाफ संजय निषाद खूब बयानबाज़ी करते नज़र आ रहे थे। कल ही उन्होंने यूपी में अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया है। हालाँकि अब उनके सुर अब नरम होते दिख रहे हैं। सीएम योगी के बारे में संजय निषाद ने कहा कि मुख्यमंत्री हमारे अभिभावक हैं। और, अचानक उनकी सीएम योगी को लेकर नरमी अनायास नहीं है।
क्यों बदले बदले से सरकार नज़र आ रहे हैं?
बता दें, यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं जिसमें मंझवा और कटेहरी सीट पर निषाद पार्टी की नज़र है। संजय निषाद चाहते हैं कि इन दोनों सीटों पर निषाद पार्टी के उम्मीदवार उतारे जायें। बीते विधानसभा चुनाव 2022 में भी इन दोनों सीटों पर निषाद पार्टी के उम्मीदवारों ने ही चुनाव लड़ा था। संजय निषाद का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुए मुलाक़ात को इन्ही दो सीटों से जोड़कर देखा जा रहा है। साथ ही, संजय निषाद ने कल ही कहा था कि यूपी में प्रशासनिक अधिकारी उनकी नहीं सुन रहे और वे इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से मुलाक़ात कर करेंगे।
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वहीं, उत्तर प्रदेश में जल्द ही दस सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं जिसे लेकर संजय निषाद ने कहा कि हम लोग पहले भी उपचुनाव जीते थे। लोकसभा में हम अतिउत्साह में थे। लेकिन इस बार हम फिर से एकजुट होकर पूरी मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने दावा किया कि इस उपचुनाव में भी एनडीए जीतेगी और बेहतर परिणाम आएंगे। साथ ही उन्होंने बजट पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, इस बार विपक्ष के पास बयानबाजी के अलावा कुछ और नहीं बचा हैं। इसलिए वो इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बजट और गजट दो ऐसे शब्द हैं जो बहुत महत्वपूर्ण हैं। पिछली सरकारों ने अगर बजट ठीक से पारित किया होता तो जनता उनसे दूर क्यों होती? उन्होंने कहा कि हम इस बजट का समर्थन करते हैं।